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भव सागर की वैतरणी है श्रीमद्भावगत कथा-स्वामी भगवतस्वरूप

 हरिद्वार। श्री गुरूमंडलाश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी भगवतस्वरूप महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा भव सागर की वैतरणी है। कथा से मिले ज्ञान को आचरण में घारण करने से व्यक्ति के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी रामस्वरूप महाराज वेदान्ताचार्य महाराज के नवम निर्वाण महोत्सव के उपलक्ष्य मे आश्रम में आयोजित श्रीमद्भावगत कथा के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी भगवत्स्वरूप महाराज ने कहा कि भक्त और भगवान की कथा श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन और श्रवण सदैव कल्याणकारी हैं। गंगा तट पर संतों के सानिध्य में कथा के श्रवण से दोगुना पुण्य लाभ साधक को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है। कथा के प्रभाव से व्यक्ति के सभी संकट दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। लेकिन कथा श्रवण का लाभ तभी है, जब साधक कथा से मिले ज्ञान को आचरण में धारण करे। प्रत्येक व्यक्ति को सद्गुरू के सानिध्य में कथा श्रवण अवश्य करना चाहिए और दूसरों को भी कथा श्रवण के लिए प्रेरित करना चाहिए। कथा व्यास राजपुरोहित पंडित सनत भाई छोटा लाल रावल सुरेद्र नगर अहमदाबाद गुजरात वाले ने कहा कि श्रीमदभागवत कथा ज्ञान का अथाह भण्डार है। जिसे जितना ग्रहण करो। जिज्ञासा उतनी ही बढ़ती है। श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण का अवसर सौभाग्य से मिलता है। इसलिए अवसर का लाभ उठाते हुए कथा श्रवण अवश्य करें। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद, महंत गोविंददास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत निर्मलदास सहित कई संत महापुरूष और श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे। 


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।