हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्रों में नौ दिनों तक की जाने वाली आराधना व पूजन से प्रसन्न होकर मां दुर्गा अपने भक्तों को अमोघ फल प्रदान करती है। नवरात्रों के उपलक्ष्य में श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित विशेष अनुष्ठान के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि श्री दक्षिण काली मंदिर में साक्षात रूप से विराजमान देवी भगवती भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती है। नवरात्रों में की गयी मां भगवती की आराधना भक्तों को अमोघ फल प्रदान करती है। जिससे भक्त के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। इस अवसर पर मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें पंडित राहुल शास्त्री व आचार्य सागर झा की भजन मंडली ने मां दुर्गा को समर्पित भजन प्रस्तुत किए। आचार्य सागर झा द्वारा प्रस्तु ‘तुने मुझे बुलाया शेरा वालिए, मै आया मैं आया शेरा वालिए‘ पर उपस्थित श्रद्धालु भक्त देर तक झूमते रहे। इस दौरान स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, आचार्य पवनदत्त मिश्र,प्रमोद पांडे,लाला बाबा, मुख्य पुजारी स्वामी विवेकानंद, सुधीर पांडे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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