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आत्म कल्याण से लोककल्याण: डॉ पण्ड्या

निःस्वार्थ सेवा से मिलती ईश्वर कृपाः शिवप्रसाद मिश्र

पांच दिवसीय राष्ट्रीय सक्रिय कार्यकर्ता शिविर का समापन


 हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में पांच दिवसीय राष्ट्रीय सक्रिय कार्यकर्त्ता शिविर का शनिवार को समापन हो गया। इस अवसर पर प्रज्वलित मशाल की साक्षी में प्रतिभागियों ने राष्ट्रोत्थान में चलाये जा रहे अभियानों में निःस्वार्थ भाव से सहयोग करने के लिए संकल्प व्यक्त किया। समापन से पूर्व अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि उपासना,साधना व आराधना से आत्म कल्याण के साथ लोक कल्याण संभव है। भक्त प्रह्लाद,स्वामी विवेकानंद, युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य आदि के जीवन से समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश भर में फैले गायत्री शक्तिपीठ, प्रज्ञापीठ एवं प्रज्ञा संस्थान विचार विमर्श के केन्द्र के रूप में हो। यहाँ समाज को विकसित करने के लिए रूपरेखा तैयार होनी चाहिए। जिससे रचनात्मक कार्यक्रमों को गति दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया की दृष्टि भारत की ओर है। भारत को आगे बढ़कर नेतृत्व करना है। इसलिए निःस्वार्थ सेवाभावी एवं समझदार व्यक्ति आगे बढ़ने में सहयोग करें। श्रद्धेया शैलदीदी से कहा कि नारी सशक्तिकरण के लिए सभी को अपना योगदान देना चाहिए, जिससे उन्हें प्रोत्साहन, प्रशिक्षण, मार्गदर्शन मिल सके और और वे परिवार, समाज व राष्ट्र के विकास में विशेष योगदान कर सकें। उन्होंने कहा कि नारी सशक्त होगी, तभी देश सशक्त बनेगा। समापन समारोह को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कार्यकर्ता शिवप्रसाद मिश्र ने कहा कि श्रद्धा, विश्वास से ही परिवारिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक प्रगति होती है। जिस तरह श्रद्धा और अटूट विश्वास से भक्त प्रहलाद, मीरा, एकलव्य आदि ने ईश्वरीय संरक्षण एवं कृपा पाई, उसी तरह अनेक साधकों ने अपनी साधना में श्रद्धा व विश्वास से आध्यात्मिक शक्तियाँ पाई हैं। राष्ट्रीय जोनल समन्वयक डॉ. ओपी शर्मा ने घर-घर युग साहित्य विस्तार, नारी सशक्तिकरण, युवा जागरण आदि अभियानों को गति देने हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर भव्य मशाल रैली निकाली गयी, जिसमें गायत्री साधकों ने युग निर्माण के शत सूत्रीय अभियानों को गति देने के लिए लोगों का आवाहन किया। शिविर में गुजरात सहित कई राज्यों से आये चार सौ से अधिक जोनल समन्वयक,प्रांत समन्वयक,जिला समन्वयक सहित सक्रिय कार्यकर्त्ता भाई बहिन शामिल रहे।


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