Skip to main content

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने की 60 करोड़ की प्रवेश सह छात्रवृत्ति योजना की घोषणा


 हरिद्वार। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की और से छात्रों के लिए 60 करोड़ की राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश सह छात्रवृत्ति परीक्षा की घोषणा की है। हरिद्वार में एक होटल में शुक्रवार को आयोजित प्रैसवार्ता के दौरान जानकारी देते हुए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो.चांसलर डा.आरएस बाबा ने बताया कि यूनिवर्सिटी का एक मात्र उद्देश्य छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान कर प्रतिष्ठित संस्थानों में रोजगार के अवसर दिलाना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयासों में संस्थान ने बहुत कम समय में शिक्षा, अनुसंधान तथा प्लेसमेंट के क्षेत्र में सफलता अर्जित करते हुए प्रतिष्ठित संस्थानों में स्थान बनाया है। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे उत्तराखंड के छात्रों ने 22 पेटेंट दाखिल किए हैं। जिनमें 8 छात्रा शामिल हैं। कैंपस प्लेसमेंट के दौरान उत्तराखंड के 310 छात्रों को विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट हुआ है। चयनित छात्रों में 140 छात्राएं शामिल हैं। डा.आरएस बावा ने बताया कि इस वर्ष विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्रों को सीयूसीईटी परीक्षा के माध्यम से 60 करोड़ रूपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। स्थापना के बाद से यूनिवर्सिटी द्वारा अब तक लगभग 1लाख छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गयी है। पिछले शैक्षणिक वर्ष में ही 21 हजार छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की गयी थी। उन्होने बताया कि चंडीगढ़ विश्वविद्यालय छात्रों को गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करने के साथ अनुंसधान, खेलों और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का प्रयास भी किया जा रहा है। सीयू के छात्रों ने विभिन्न राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में शानदान प्रदर्शन करते हुए 133 पदक हासिल किए हैं। 


Comments

Popular posts from this blog

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।

बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दलों ने 127 कांवडियों,श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाया

  हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशन, अपर जिलाधिकारी पी0एल0शाह के मुख्य संयोजन एवं नोडल अधिकारी डा0 नरेश चौधरी के संयोजन में कांवड़ मेले के दौरान बी0ई0जी0 आर्मी के तैराक दल अपनी मोटरबोटों एवं सभी संसाधनों के साथ कांवडियों की सुरक्षा के लिये गंगा के विभिन्न घाटों पर तैनात होकर मुस्तैदी से हर समय कांवड़ियों को डूबने से बचा रहे हैं। बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा कांवड़ मेला अवधि के दौरान 127 शिवभक्त कांवडियों,श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया। 17 वर्षीय अरूण निवासी जालंधर, 24 वर्षीय मोनू निवासी बागपत, 18 वर्षीय अमन निवासी नई दिल्ली, 20 वर्षीय रमन गिरी निवासी कुरूक्षेत्र, 22 वर्षीय श्याम निवासी सराहनपुर, 23 वर्षीय संतोष निवासी मुरादाबाद, 18 वर्षीय संदीप निवासी रोहतक आदि को विभिन्न घाटों से बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा गंगा में डूबने से बचाया गया तथा साथ ही साथ प्राथमिक उपचार देकर उन सभी कांवडियों को चेतावनी दी गयी कि गंगा में सुरक्षित स्थानों में ही स्नान करें। कांवड़ मेला अवधि के दौरान बी0ई0जी0आर्मी तैराक दल एवं रेड क्रास स्वयंसेवकों द्वारा गंगा के पुलों एवं घाटों पर माइकिं

गुरु ज्ञान की गंगा में मन का मैल,जन्मों की चिंताएं और कर्त्तापन का बोध भूल जाता है - गुरुदेव नन्दकिशोर श्रीमाली

  हरिद्वार निखिल मंत्र विज्ञान एवं सिद्धाश्रम साधक परिवार की ओर से देवभूमि हरिद्वार के भूपतवाला स्थित स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम में सौभाग्य कीर्ति गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन उल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। इस पावन पर्व के अवसर पर स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम और आसपास का इलाका जय गुरुदेव व हर हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान रहा। परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद (डॉ नारायण दत्त श्रीमाली) एवं माता भगवती की दिव्य छत्रछाया में आयोजित इस महोत्सव को संबोधित करते हुए गुरुदेव नंदकिशोर श्रीमाली ने गुरु एवं शिष्य के संबंध की विस्तृत चर्चा करते हुए शिष्य को गुरु का ही प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वयं को देखने के लिए दर्पण के पास जाना पड़ता है,उसी प्रकार शिष्य को गुरु के पास जाना पड़ता है, जहां वह अपनी ही छवि देखता है। क्योंकि शिष्य गुरु का ही प्रतिबिंब है और गुरु भी हर शिष्य में अपना ही प्रतिबिंब देखते हैं। गुरु में ही शिष्य है और शिष्य में ही गुरु है। गुरु पूर्णिमा शिष्यों के लिए के लिए जन्मों से ढोते आ रहे कर्त्तापन की गठरी को गुरु चरणों में विसर्जित कर गुरु आलिंगन में बंधने का दिवस