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समाज की लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए उत्तराखंड ब्राह्मण महासंघ का गठन

 मांगो को लेकर राजनीतिक ताकत बनने का आहवान


हरिद्वार। लगातार उपेक्षित महसूस कर रहे ब्राह्मण समाज से जुड़े करीब 3 दर्जन संगठनों के प्रतिनिधियों की रविवार को परशुराम धर्मशाला में हुई बैठक के बाद समाज की लड़ाई को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से उत्तराखंड ब्राह्मण महासंघ का गठन किया गया है। महासंघ ब्राह्मण समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ने का काम करेगा। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि ब्राह्मण समाज की बहुप्रतीक्षित मांग परशुराम जयंती पर राज्य सरकार ने अवकाश नहीं घोषित किया तो आगामी चुनाव में समाज सरकार को वोट की चोट देंगे। यह जानकारी रविवार को प्रेस क्लब सभागार में पत्रकारों से बात करते हुए उत्तराखंड ब्राह्मण महासंघ के प्रदेश संयोजक नियुक्त किए गए पंडित विशाल शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 25लाख से अधिक संख्या होने के बावजूद ब्राह्मण समाज आज भी उपेक्षित है क्योंकि ब्राह्मणों की कोई राजनीतिक शक्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में इतनी संख्या में पंडितों के होने के बावजूद हम धीरे-धीरे कश्मीरी पंडितों जैसा हाल में पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे समुदायों के पर्वो पर जहां सरकार अवकाश घोषित कर देती है, वहीं कई वर्षों से भगवान परशुराम प्राकट्îोत्सव पर अवकाश की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने बताया कि इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आज परशुराम धर्मशाला बैरागी कैंप में 35 संगठनों के प्रतिनिधियों का एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें भविष्य की लड़ाई लड़ने की रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि  प्रदेश और देश में आरक्षण का आधार आर्थिक होना चाहिए क्योंकि अब आरक्षण के दम पर जहां कुछ खास वर्ग लगातार आर्थिक रूप से मजबूत होते जा रहे हैं वहीं आरक्षण की वजह से ब्राह्मण समाज के बच्चे आत्महत्या करने पर मजबूर हैं उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि 22 अप्रैल को परशुराम प्राकट्îोत्सव पर अगर सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं करती है तो समाज आगामी चुनावों में उन्हें वोट की चोट देंगे। इस दौरान महासंघ के कई प्रतिनिधि मौजूद थे। उन्होंने बताया कि श्री गंगा सभा के अध्यक्ष पंडित नितिन गौतम को गढ़वाल मंडल का तथा पंडित सुरेश चंद्र शर्मा को कुमाऊ का महासंघ सलाहकार नियुक्त किया गया है प्रदेश संयोजक पंडित विशाल शर्मा ने बताया कि देहरादून में बैठक कर प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार किया जाएगा। बैठक का संचालन बालकृष्ण शास्त्री एवं डॉ वी.डी. शर्मा नें किया। इस मौके पर मनोज गौतम, जे.पी. जुयाल, डॉ. बृजेश सती, सुरेश चन्द शर्मा, जुगुल बल्लभ गोस्वामी, पंडित हेम भट्ट, पंडित उमेश जोशी, पंडित गोविन्द पांडे, पंडित गोरव शर्मा, विवेक तिवारी, मुरली शर्मा, अनिरुद्ध उनियाल, पंडित नवीन नेंथानी, अरुण शर्मा, विपिन शर्मा, राजकुमार शर्मा, मनोज शुक्ला, विकास शर्मा,रजनीकांत सेमवाल शुसील त्रिपाठी, केशव पांडे, विश्वास शर्मा, प्रमोद सारस्वत, अजय वसिष्ठ,श्रीमती भारती व्यास, हर्षनिधि शर्मा, रजनीकान्त सेमवाल, सुजीत शुक्ला, प्रकाश त्यागी डॉक्टर शक्तिधर शर्मा,मनमोहन शर्मा, अनिरूद्ध उनियाल, अरूण शर्मा, अरविन्द भारद्वाज, सुभाष चन्द शर्मा,पवन शर्मा प्रधान,गोविन्द पाण्डे,पं.गौरव शर्मा, आनन्द शर्मा, राजीव थपलियाल, विश्वास शाण्डिल्य सहित पूरे उत्तराखण्ड से पहुंचे ब्राह्मण प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिये।


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