हरिद्वार। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व),नोडल अधिकारी बीर सिंह बुदियाल ने अवगत कराया है कि 15वीं वाहिनी, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एन०डी०आर०एफ०) के 20 सदस्यीय टीम द्वारा जनपद के तहसील हरिद्वार व लक्सर में पंचायत भवन,बारात घर ग्राम में अवस्थित विद्यालय भवन,सार्वजनिक स्थलों में, बाढ़ प्रभावित ग्रामों के स्थानीय जनसमुदाय तथा उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय,राजकीय इण्टर कॉलेजों में,छात्र-छात्राओं को जागरूक किये जाने हेतु, जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा है, जिसके अन्तर्गत 18 अप्रैल को तहसील हरिद्वार के दूधला-दयालवाला उर्फ टाटवाला-नलोवाला-लाहरपुर-बसोचन्द्रपुर में 19 अप्रैल को तहसील हरिद्वार के ही शिवदासपुर उर्फ तेलीवाली-जसवावाला में 20 अप्रैल को तहसील लक्सर के कलसिया-डुम्मनपुरी, 21 अप्रैल,2023 को शेरपुरबेला महाजीटीप-इद्रीशपुर तथा 22 अप्रैल को जोगावाला स्थल में जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व),नोडल अधिकारी ने तहसीलदार हरिद्वार एवं लक्सर को निर्देशित किया है कि वे कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सम्बन्धित ग्रामों (क्लस्टरवार)के नागरिकों को सूचित करने के साथ ही प्रशिक्षण हेतु सम्बन्धित ग्रामों के मध्य पंचायत भवन ,बारात घर ग्राम में अवस्थित विद्यालय भवन सार्वजनिक स्थलों में से उपयुक्त स्थल का चयन करते हुये प्रशिक्षण कार्यक्रम सुचारू रूप से आयोजित किया जाना सुनिश्चित करें।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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