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विश्व में सर्वोत्तम है भारतीय संस्कृति-स्वामी विज्ञानानंद

 


हरिद्वार। श्री गीता आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गृहगद्दी शुद्ध हो तो राजगद्दी और गुरुगद्दी स्वतः ही पवित्र हो जाते हैं जिससे लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। विष्णु गार्डन स्थित आश्रम में आयोजित विशेष व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गृह गद्दी पवित्र हो और माता-पिता सदाचारी हों तो राजा और गुरु सभी आदर्श बन जाते हैं। माता-पिता ने यदि 25 वर्ष तक ब्रम्हचर्य का पालन किया हो, गायत्री एवं वेदों का पठन-पाठन किया हो तो उनकी गोद में भगवान कृष्ण, राम और संत महापुरुष आते हैं। भारतीय संस्कृति को विश्व में सर्वोत्तम बताते हुए उन्होंने कहा कि हम सर्वे भवंतु सुखिनः को आधार मानकर आचरण करते हैं। इसी कारण जिस देश ने हमें गुलाम बनाया था आज वहां का शासक भारतीय है। देश में तीसरी बार प्रारंभ हो रही कोरोना की दस्तक से सावधान करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपने खानपान और रहन-सहन में सुधार कर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। भारत को ऋषि परंपरा का देश बताते हुए स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी दिनचर्या का शुभारंभ प्राणायाम एवं सूक्ष्म व्यायाम से करना चाहिए। कोरोना से संबंधित सभी सावधानियां बरतने का आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपने स्वास्थ्य की रक्षा स्वयं करनी चाहिए । इस अवसर पर आचार्य हरिओम सहित स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती संस्कृत विद्यालय के आचार्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु तथा स्थानीय गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।


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