हरिद्वार। भगवान बिष्णु के छठे अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम जयंती बहुत ही धूमधाम से मनाई गई। तीर्थ नगरी में जगह-जगह धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन कर भगवान परशुराम का पूजन अर्चना कर उनसे समाज के सुख समृद्धि की कामना की गई। इस दौरान ब्राह्मणों ने भगवान परशुराम का विधिवत पूजा अर्चन कर उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विस्तार से जानकारी दी। मान्यता है कि भगवान परशुराम का जन्म वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हुआ था इसी दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है अक्षय तृतीया के दिन अवतार लेने के कारण भगवान परशुराम की शक्ति की क्षति नहीं होती थी। भगवान परशुराम जयंती पर ओम पुल के पास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वही भीमगोडा स्थित परशुराम वाटिका में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर शाम को सुंदरकांड का पाठ भी आयोजित किया गया। जन्मोत्सव कार्यक्रम में विद्वान पंडितों द्वारा विधिवत पूजन हवन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि भगवान परशुराम विष्णु के अवतार हैं,महर्षि वेदव्या राजा बली, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, ऋषि मार्कंडेय सहित आठ अमर किरदारों में उनकी गिनती होती है। जिन्हें अब तक अमर माना जाता है। भगवान परशुराम के बचपन का नाम राम भी माना जाता है, इनके बचपन में इन्हें राम के नाम से बुलाते थे। इस दौरान पंडित गगनदीप गोस्वामी, आशीष गौड़, पंडित बालकृष्ण शास्त्री, स्वामी प्रणवानंद, धीरज पाराशर, पंडित राकेश शर्मा, अनिल वशिष्ठ, विपिन शर्मा ,पंडित कपिल शर्मा, उमाकांत ध्यानी, देवकीनंदन शर्मा, विवेक शर्मा, विमल शर्मा तथा प्रशांत शर्मा सहित कई अन्य शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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