Skip to main content

ज्योतिष महाकुंभ में देश भर के विद्वानों का हुआ संगम ’

 दो दिवसीय अखिल भारतीय ज्योतिष महासम्मेलन एवं विद्वत सम्मान समारोह मे जुटे ज्योतिष  


हरिद्वार। भगवान परशुराम राष्ट्रीय पंडित परिषद ट्रस्ट के राष्ट्रीय महामंत्री आचार्य पंडित ओपी शास्त्री ने बताया कि संस्था के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में निष्काम सेवा ट्रस्ट सभागार में राजगुरु आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती जी महाराज बीकानेर, व महामंडलेश्वर संत कमल किशोर जी महाराज के सानिध्य में भगवान परशुराम के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि पंडित सुरेश मिश्रा जयपुर,धर्म गुरु धर्म गुरु पंडित शुभेष शर्मन दिल्ली,ज्योतिषाचार्य गुरुदेव रमेश सेमवाल रुड़की,टैरो रीडर वाई राखी दिल्ली,डॉ.लेखराज शर्मा हस्तरेखा विशेषज्ञ हिमाचल प्रदेश,जोगेंद्र नाथ जी महाराज महामंडलेश्वर, राजेंद्र पाराशर सर्व ब्राह्मण महासभा अध्यक्ष उत्तराखंड ,आचार्य नरेश शर्मा प्रदेश महामंत्री सर्व ब्राह्मण महासभा उत्तराखंड,महंत शुभम गिरी,पीतांबरा पीठ दिनेश महाराज,पंचांग कर्ता पंडित भागीरथ जोशी नीमच,पंडित अक्षय शास्त्री जयपुर पंडित नारायण शास्त्री जयपुर विदुषी ज्योति बाविशि मुंबई सहित देश के मूर्धन्य विद्वान ज्योतिष,वास्तु,धर्म,अंक शास्त्र,टैरो,रमल आदि विद्याओं पर अपने व्याख्यान दिया।तथा विक्रम संवत को राष्ट्रीय संवत की मान्यता दिलाने हेतु सरकार को ज्ञापन देने हेतु सर्व सम्मति से निर्णय लिया। तथा पंचांगों में व्रत पर्वो की एक रुपता पर मंथन किया। इस मौके देश के 150 से अधिक मूर्धन्य विद्वानों को संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश गौड़,उपाध्यक्ष आचार्य पंडित ताराचंद शास्त्री,सलाहकार ज्योतिषाचार्य राज शर्मा,दिल्ली प्रदेश प्रभारी आचार्य सुरेश शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया।


Comments

Popular posts from this blog

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।

बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दलों ने 127 कांवडियों,श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाया

  हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशन, अपर जिलाधिकारी पी0एल0शाह के मुख्य संयोजन एवं नोडल अधिकारी डा0 नरेश चौधरी के संयोजन में कांवड़ मेले के दौरान बी0ई0जी0 आर्मी के तैराक दल अपनी मोटरबोटों एवं सभी संसाधनों के साथ कांवडियों की सुरक्षा के लिये गंगा के विभिन्न घाटों पर तैनात होकर मुस्तैदी से हर समय कांवड़ियों को डूबने से बचा रहे हैं। बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा कांवड़ मेला अवधि के दौरान 127 शिवभक्त कांवडियों,श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया। 17 वर्षीय अरूण निवासी जालंधर, 24 वर्षीय मोनू निवासी बागपत, 18 वर्षीय अमन निवासी नई दिल्ली, 20 वर्षीय रमन गिरी निवासी कुरूक्षेत्र, 22 वर्षीय श्याम निवासी सराहनपुर, 23 वर्षीय संतोष निवासी मुरादाबाद, 18 वर्षीय संदीप निवासी रोहतक आदि को विभिन्न घाटों से बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा गंगा में डूबने से बचाया गया तथा साथ ही साथ प्राथमिक उपचार देकर उन सभी कांवडियों को चेतावनी दी गयी कि गंगा में सुरक्षित स्थानों में ही स्नान करें। कांवड़ मेला अवधि के दौरान बी0ई0जी0आर्मी तैराक दल एवं रेड क्रास स्वयंसेवकों द्वारा गंगा के पुलों एवं घाटों पर माइकिं

गुरु ज्ञान की गंगा में मन का मैल,जन्मों की चिंताएं और कर्त्तापन का बोध भूल जाता है - गुरुदेव नन्दकिशोर श्रीमाली

  हरिद्वार निखिल मंत्र विज्ञान एवं सिद्धाश्रम साधक परिवार की ओर से देवभूमि हरिद्वार के भूपतवाला स्थित स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम में सौभाग्य कीर्ति गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन उल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। इस पावन पर्व के अवसर पर स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम और आसपास का इलाका जय गुरुदेव व हर हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान रहा। परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद (डॉ नारायण दत्त श्रीमाली) एवं माता भगवती की दिव्य छत्रछाया में आयोजित इस महोत्सव को संबोधित करते हुए गुरुदेव नंदकिशोर श्रीमाली ने गुरु एवं शिष्य के संबंध की विस्तृत चर्चा करते हुए शिष्य को गुरु का ही प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वयं को देखने के लिए दर्पण के पास जाना पड़ता है,उसी प्रकार शिष्य को गुरु के पास जाना पड़ता है, जहां वह अपनी ही छवि देखता है। क्योंकि शिष्य गुरु का ही प्रतिबिंब है और गुरु भी हर शिष्य में अपना ही प्रतिबिंब देखते हैं। गुरु में ही शिष्य है और शिष्य में ही गुरु है। गुरु पूर्णिमा शिष्यों के लिए के लिए जन्मों से ढोते आ रहे कर्त्तापन की गठरी को गुरु चरणों में विसर्जित कर गुरु आलिंगन में बंधने का दिवस