हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम हरिद्वार में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि बृजवासी मथुरा जाकर सारा दूध, दही, मक्खन बेच देते थे। दूध, दही, मक्खन नहीं मिल पाने से बृजवासी बालक बहुत कमजोर थे और कंस के बलशाली राक्षसों का मुकाबला नहीं कर पाते थे। बृजवासी बालकों का बल बढ़ाने के लिए श्रीकृष्ण ने योजना बनायी और गोपिकाओं के घर में जाकर बालकों को दूध, दही, मक्खन खिलाने लगे। इससे बालकों को बल बढ़ा और एक-एक कर अघासुर, बकासुर जैसे कई राक्षसों का संहार हुआ। भगवान श्री कृष्ण का माखन चुराने का एक ही मकसद था। राक्षसों का बल कम हो और बृजवासी बालकों का बल अधिक हो, ताकि राक्षसों का संहार हो सके। इसी प्रकार चीरहरण लीला के पीछे भी भगवान कृष्ण का मकसद राक्षसों से गोपिकाओं की रक्षा करना था। शास्त्री ने बताया कि गोपिकाएं जब यमुना में स्नान किया करती थी तो कंस के राक्षस गोपीकाओं को छुप-छुप करके देखते थे और पकड़ कर उनके साथ अभद्र व्यवहार करते थे। चीरहरण के माध्यम से कन्हैया ने सभी को शिक्षा दी स्नान करते समय, दान देते समय, सोते समय, चलते फिरते समय बिना वस्त्रों के नहीं रहना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने जितनी भी लीलाएं की उन सब के पीछे कुछ न कुछ रहस्य छुपा हुआ है। इस अवसर पर मुख्य यजमान करन कोहली,सुरुचि कोहली,सोमेश विग,सनी कोहली,मीना कोहली, अथर्व कोहली,सुनीता पाहवा,गोविंद पाहवा,मीना कोहली, किरण विग,रजनी नौनिहाल, अशोक नौनिहाल, हर्ष आनंद,प्रदीप वडेरा,अन्नू वडेरा,विपिन वडेरा,पूनम वडेरा,लक्ष्य वडेरा, रियांश वडेरा, पंडित गणेश कोठारी, पंडित मोहन जोशी, पंडित विष्णु गौड़, पंडित उमेश जोशी आदि भक्तों ने भागवत पूजन कर कथा व्यास से आशीर्वाद लिया।
हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम हरिद्वार में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि बृजवासी मथुरा जाकर सारा दूध, दही, मक्खन बेच देते थे। दूध, दही, मक्खन नहीं मिल पाने से बृजवासी बालक बहुत कमजोर थे और कंस के बलशाली राक्षसों का मुकाबला नहीं कर पाते थे। बृजवासी बालकों का बल बढ़ाने के लिए श्रीकृष्ण ने योजना बनायी और गोपिकाओं के घर में जाकर बालकों को दूध, दही, मक्खन खिलाने लगे। इससे बालकों को बल बढ़ा और एक-एक कर अघासुर, बकासुर जैसे कई राक्षसों का संहार हुआ। भगवान श्री कृष्ण का माखन चुराने का एक ही मकसद था। राक्षसों का बल कम हो और बृजवासी बालकों का बल अधिक हो, ताकि राक्षसों का संहार हो सके। इसी प्रकार चीरहरण लीला के पीछे भी भगवान कृष्ण का मकसद राक्षसों से गोपिकाओं की रक्षा करना था। शास्त्री ने बताया कि गोपिकाएं जब यमुना में स्नान किया करती थी तो कंस के राक्षस गोपीकाओं को छुप-छुप करके देखते थे और पकड़ कर उनके साथ अभद्र व्यवहार करते थे। चीरहरण के माध्यम से कन्हैया ने सभी को शिक्षा दी स्नान करते समय, दान देते समय, सोते समय, चलते फिरते समय बिना वस्त्रों के नहीं रहना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने जितनी भी लीलाएं की उन सब के पीछे कुछ न कुछ रहस्य छुपा हुआ है। इस अवसर पर मुख्य यजमान करन कोहली,सुरुचि कोहली,सोमेश विग,सनी कोहली,मीना कोहली, अथर्व कोहली,सुनीता पाहवा,गोविंद पाहवा,मीना कोहली, किरण विग,रजनी नौनिहाल, अशोक नौनिहाल, हर्ष आनंद,प्रदीप वडेरा,अन्नू वडेरा,विपिन वडेरा,पूनम वडेरा,लक्ष्य वडेरा, रियांश वडेरा, पंडित गणेश कोठारी, पंडित मोहन जोशी, पंडित विष्णु गौड़, पंडित उमेश जोशी आदि भक्तों ने भागवत पूजन कर कथा व्यास से आशीर्वाद लिया।
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