हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने सभी को बैशाखी की बधाई देते हुए कहा कि बैशाखी सनातन धर्म संस्कृति का प्रमुख पर्व है। संत समाज व श्रद्धालु जन उत्साह व श्रद्धा भाव से बैशाखी पर्व मनाते हैं। बैशाखी पर्व के अवसर पर ही गुरू गोविन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। बैशाखी के दिन ही हरमिन्दर सिंह साहिब सरोवर की महत्ता प्रकट हुई थी। उन्होंने कहा कि बैशाखी पर गंगा स्नान करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर आश्रमों, मठ, मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि बैशाखी पर्व के अवसर पर श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में श्री गुरू ग्रंथ साहिब का अखण्ड पाठ व शबद कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होंगे। हरिद्वार की पावन धरती पर संत महापुरूषों का सानिध्य व गंगा स्नान का अवसर सौभाग्य से मिलता है। सभी को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए। इस दौरान महंत खेम सिंह, महंत अमनदीप सिंह, संत जरनैल सिंह,महंत निर्भय सिंह,महंत बीर सिंह,संत विष्णु सिंह,संत जसकरण सिंह आदि संत मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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