Skip to main content

महिला मुक्केबाज अर्जुन अवार्ड विजेता लवलीना ने किया छात्रों से संवाद

 


हरिद्वार। एस.एम.जे.एन. पी.जी. कॉलेज में आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा टोक्यो ओलम्पिक 2020 में महिला मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीतने वाली तथा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सुश्री लवलीना बोरगोहाईन के साथ क्षमता विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत ‘खेल एवं अनुशासन’ विषय पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लवलीना बोरगोहाईन ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है,विशेषकर हरिद्वार तो साक्षात ईश्वर का घर है। उन्होंने छात्राओं को उत्साहित करते हुए कहा कि मानसिक मजबूती किसी भी खेल में आवश्यक है और दृढ़ निश्चय से ही मजबूत पंच बनता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में उन्होंने चाहे वह विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप रही हो या टोक्यो ओलम्पिक मानसिक मजबूती से ही उन्होंने सफलता प्राप्त की है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कालेज में आने पर लवलीना का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुक्केबाजी के पंच के पांच गुणों दृढ़ निश्चय, पक्का इरादा,दूर दृष्टि, आत्मविश्वास और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का समावेश लवलीना में है। डा.बत्रा ने कहा कि इन गुणों से ही एक अच्छा खेलकूद व्यक्तित्व उत्पन्न होता है। उन्होंने हनुमान जी को बह्माम्ंड के पहले मुक्केबाज बताते हुए कहा कि रामचरितमानस के सुन्दर कांड में इसका उल्लेख मिलता है। हनुमान जी को  शारीरिक और मानसिक मजबूती का प्रेरक बताते उन्होंने युवाओं से हनुमान जी के चरित्र को अपनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर उत्तराखंड महिला बॉक्सिंग चैम्पियन एस.आई. सुश्री रीना शर्मा,अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा.संजय कुमार माहेश्वरी,विनय थपलियाल,डा. जगदीश चन्द्र आर्य, डा.शिवकुमार चौहान, डा.रजनी सिंघल, डा.पल्लवी, डा.मोना शर्मा,डा. आशा शर्मा,डा.रेनू सिंह,श्रीमती रिचा मिनोचा,श्रीमती रिंकल गोयल,आस्था आनन्द,डा.सुगन्धा वर्मा, प्रियंका, डा.विजय शर्मा,दिव्यांश शर्मा, डा.विनीता चौहान, डा.मिनाक्षी शर्मा,डा.पूर्णिमा सुन्दरियाल, डा.पदमावती तनेजा,विनीत सक्सेना,डा.अमिता मल्होत्रा सहित कॉलेज के अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित रहे। 


Comments

Popular posts from this blog

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।

बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दलों ने 127 कांवडियों,श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाया

  हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशन, अपर जिलाधिकारी पी0एल0शाह के मुख्य संयोजन एवं नोडल अधिकारी डा0 नरेश चौधरी के संयोजन में कांवड़ मेले के दौरान बी0ई0जी0 आर्मी के तैराक दल अपनी मोटरबोटों एवं सभी संसाधनों के साथ कांवडियों की सुरक्षा के लिये गंगा के विभिन्न घाटों पर तैनात होकर मुस्तैदी से हर समय कांवड़ियों को डूबने से बचा रहे हैं। बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा कांवड़ मेला अवधि के दौरान 127 शिवभक्त कांवडियों,श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया। 17 वर्षीय अरूण निवासी जालंधर, 24 वर्षीय मोनू निवासी बागपत, 18 वर्षीय अमन निवासी नई दिल्ली, 20 वर्षीय रमन गिरी निवासी कुरूक्षेत्र, 22 वर्षीय श्याम निवासी सराहनपुर, 23 वर्षीय संतोष निवासी मुरादाबाद, 18 वर्षीय संदीप निवासी रोहतक आदि को विभिन्न घाटों से बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा गंगा में डूबने से बचाया गया तथा साथ ही साथ प्राथमिक उपचार देकर उन सभी कांवडियों को चेतावनी दी गयी कि गंगा में सुरक्षित स्थानों में ही स्नान करें। कांवड़ मेला अवधि के दौरान बी0ई0जी0आर्मी तैराक दल एवं रेड क्रास स्वयंसेवकों द्वारा गंगा के पुलों एवं घाटों पर माइकिं

गुरु ज्ञान की गंगा में मन का मैल,जन्मों की चिंताएं और कर्त्तापन का बोध भूल जाता है - गुरुदेव नन्दकिशोर श्रीमाली

  हरिद्वार निखिल मंत्र विज्ञान एवं सिद्धाश्रम साधक परिवार की ओर से देवभूमि हरिद्वार के भूपतवाला स्थित स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम में सौभाग्य कीर्ति गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन उल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। इस पावन पर्व के अवसर पर स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम और आसपास का इलाका जय गुरुदेव व हर हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान रहा। परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद (डॉ नारायण दत्त श्रीमाली) एवं माता भगवती की दिव्य छत्रछाया में आयोजित इस महोत्सव को संबोधित करते हुए गुरुदेव नंदकिशोर श्रीमाली ने गुरु एवं शिष्य के संबंध की विस्तृत चर्चा करते हुए शिष्य को गुरु का ही प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वयं को देखने के लिए दर्पण के पास जाना पड़ता है,उसी प्रकार शिष्य को गुरु के पास जाना पड़ता है, जहां वह अपनी ही छवि देखता है। क्योंकि शिष्य गुरु का ही प्रतिबिंब है और गुरु भी हर शिष्य में अपना ही प्रतिबिंब देखते हैं। गुरु में ही शिष्य है और शिष्य में ही गुरु है। गुरु पूर्णिमा शिष्यों के लिए के लिए जन्मों से ढोते आ रहे कर्त्तापन की गठरी को गुरु चरणों में विसर्जित कर गुरु आलिंगन में बंधने का दिवस