हरिद्वार। महानगर व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारियों ने पॉड टैक्सी के रूट को लेकर काली पट्टी बांधकर सर्वे करने वाली टीम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने कहा कि अगर रोड ही नहीं बल्कि दुधाधारी चौक से ज्वालापुर तक के पेशवाई मार्ग के मददेनजर पॉड का रूट बदला जाए। सोमवार को बस्ते के पास प्रदर्शन करते हुए महानगर अध्यक्ष सुनील शेट्टी ने कहा कि बिना आकलन किए डीपीआर तैयार किया जाना हरिद्वार की पौराणिकता पर प्रहार है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की पेशवाई का वीडियो देखना चाहिए, जिसे हम सभी को भेजेंगे। किस प्रकार भव्य शोभायात्रा में दूधाधारी चौक से ज्वालापुर मार्ग से होती हुई हर की पैड़ी स्नान के लिए आती है। जिला उपाध्यक्ष सुनील मनोचा एवं सचिव पंकज माटा ने कहा कि कुंभ में प्रशासन द्वारा रास्ते में पढ़ने वाली 40फुट तक हर प्रकार की क्रॉसिंग तारों एवं रुकावट को हटाया जाता है। ऐसे में परियोजना तैयार करने वाली टीम ने कुम्भ मार्ग का ध्यान नहीं किया। इसलिए इस रूट को बदलना अति आवश्यक है। विरोध करने वालों में महानगर अध्यक्ष जितेंद्र चौरसिया, महामंत्री नाथीराम सैनी, कोषाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, नीरज जैन, सरदार व्हीकल सिंह, मनोज ठाकुर, सोनू चौधरी, तरुण यादव, सरदार लकी सिंह, धर्मपाल सिंह, भूदेव शर्मा, उमेश चौधरी, राजेश भाटिया, अजय चौरसिया, उमेश शर्मा, दीपक मेहता, उमेश कुमार, राहुल अरोरा, नितिन कुमार, राजीव शर्मा तथा कुमार आदि शामिल रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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