Skip to main content

एसएमजेएन कालेज में किया वार्षिकोत्सव का आयोजन

 छात्रों के स्किल को विकसित करेगी नयी शिक्षा नीति- प्रो.महावीर सिंह रावत


हरिद्वार। एस.एम.जे.एन. कॉलेज का वार्षिक महोत्सव ‘उड़ान’ धूमधाम से मनाया गया। मुख्य अतिथि श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.महावीर सिंह रावत,विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक प्रो.सी.डी.सूंठा,राज्यसभा सांसद नरेश बंसल तथा कालेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज,प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्राओं ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डा.अवनीत कुमार घिल्डियाल,प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा,छात्र कल्याण अधिष्ठाता डा.संजय माहेश्वरी,डा.नलिनी जैन,डा.मनमोहन गुप्ता,प्रो.तेजवीर सिंह तोमर,प्रो.जे.सी.आर्य,विनय थपलियाल,डा.सुषमा नयाल ने अतिथियों का माल्यार्पण व स्मृति-चिन्ह देकर स्वागत किया। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.महावीर सिंह रावत ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा नई शिक्षा नीति छात्र-छात्राओं के स्किल को निखारने का काम करेगी। विद्या अमृत तुल्य होती है और हमें अभय देती है। छात्र छात्राओं को लक्ष्य प्राप्ति के लिए शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा के मार्गदर्शन में कॉलेज नई ऊँचाईयों को छू रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित मनमोहन प्रस्तुतियों ने बदलते भारत की तस्वीर पेश की है। उन्होंने कहा कि कॉलेज में प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया जिसके माध्यम से सभी छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों को बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से युवा भारत का गौरवशाली इतिहास जान पायेंगे। देश अमृतकाल में जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। जोकि बहुत ही गौरव की बात है। विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक प्रो.सी.डी. सूंठा ने कहा कि कार्यक्रम का शीर्षक ‘उड़ान’ बहुत ही सार्थक है। प्रो. सूंठा ने छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में बहुत परिवर्तन हो रहे हैं। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि छात्र अपने स्किल को विकसित कर सके। कॉलेज प्रबन्ध समिति व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज ने छात्र छात्राओं को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि देश और समाज की सेवा के लिए प्रत्येक विद्यार्थी को सभ्यता के दायरे में रहना चाहिए। समाज को जागरुक बनाने में विद्यार्थियों का बहुत बड़ा योगदान है। विद्यार्थियों को रचनात्मक कार्य के प्रति आगे आना चाहिए और अपना मार्ग प्रशस्त करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंचे। प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा ने कॉलेज की वार्षिक आख्या को उपस्थित अतिथियों के समक्ष प्रस्तुत किया तथा महाविद्यालय को निरन्तर प्रगतिपथ पर अग्रसरित करने का संकल्प भी लिया। इस अवसर महाविद्यालय में विभिन्न कक्षाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर छात्र छात्राओं आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन छात्र कल्याण अधिष्ठाता डा.संजय कुमार माहेश्वरी,डा.नलिनी जैन व विनय थपलियाल ने किया। इस अवसर पर डा.विशाल गर्ग, मधुसूदन अग्रवाल,दिनेश शर्मा,सतीश वन,पुरषोत्तम शर्मा,राजवीर सिहं कटारिया,वासु सिंह, अविक्षित रमन,डा.रजनी सिंघल,डा.सरोज शर्मा,डा.आशा शर्मा,डा.मोना शर्मा,श्रीमती रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा,डा.मनोज कुमार सोही,डा.शिव कुमार चौहान,डा.विनीता चौहान, डा.पल्लवी, डा.रेनू सिंह,डा.मिनाक्षी शर्मा,विनीत सक्सेना,डा.पूर्णिमा सुन्दरियाल,डा.सुगन्धा वर्मा,डा.विजय शर्मा, वैभव बत्रा,दिव्यांश शर्मा,डा.पदमावती तनेजा,कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय, वेदप्रकाश चौहान,अशोक चौहान,अश्वनी कुमार जगता,श्रीमती हेमवती,होशियार सिंह चौहान, संजीत कुमार के अतिरिक्त महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। 


Comments

Popular posts from this blog

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।

बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दलों ने 127 कांवडियों,श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाया

  हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशन, अपर जिलाधिकारी पी0एल0शाह के मुख्य संयोजन एवं नोडल अधिकारी डा0 नरेश चौधरी के संयोजन में कांवड़ मेले के दौरान बी0ई0जी0 आर्मी के तैराक दल अपनी मोटरबोटों एवं सभी संसाधनों के साथ कांवडियों की सुरक्षा के लिये गंगा के विभिन्न घाटों पर तैनात होकर मुस्तैदी से हर समय कांवड़ियों को डूबने से बचा रहे हैं। बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा कांवड़ मेला अवधि के दौरान 127 शिवभक्त कांवडियों,श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया। 17 वर्षीय अरूण निवासी जालंधर, 24 वर्षीय मोनू निवासी बागपत, 18 वर्षीय अमन निवासी नई दिल्ली, 20 वर्षीय रमन गिरी निवासी कुरूक्षेत्र, 22 वर्षीय श्याम निवासी सराहनपुर, 23 वर्षीय संतोष निवासी मुरादाबाद, 18 वर्षीय संदीप निवासी रोहतक आदि को विभिन्न घाटों से बी0ई0जी0 आर्मी तैराक दल द्वारा गंगा में डूबने से बचाया गया तथा साथ ही साथ प्राथमिक उपचार देकर उन सभी कांवडियों को चेतावनी दी गयी कि गंगा में सुरक्षित स्थानों में ही स्नान करें। कांवड़ मेला अवधि के दौरान बी0ई0जी0आर्मी तैराक दल एवं रेड क्रास स्वयंसेवकों द्वारा गंगा के पुलों एवं घाटों पर माइकिं

गुरु ज्ञान की गंगा में मन का मैल,जन्मों की चिंताएं और कर्त्तापन का बोध भूल जाता है - गुरुदेव नन्दकिशोर श्रीमाली

  हरिद्वार निखिल मंत्र विज्ञान एवं सिद्धाश्रम साधक परिवार की ओर से देवभूमि हरिद्वार के भूपतवाला स्थित स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम में सौभाग्य कीर्ति गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन उल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। इस पावन पर्व के अवसर पर स्वामी लक्ष्मी नारायण आश्रम और आसपास का इलाका जय गुरुदेव व हर हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान रहा। परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद (डॉ नारायण दत्त श्रीमाली) एवं माता भगवती की दिव्य छत्रछाया में आयोजित इस महोत्सव को संबोधित करते हुए गुरुदेव नंदकिशोर श्रीमाली ने गुरु एवं शिष्य के संबंध की विस्तृत चर्चा करते हुए शिष्य को गुरु का ही प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वयं को देखने के लिए दर्पण के पास जाना पड़ता है,उसी प्रकार शिष्य को गुरु के पास जाना पड़ता है, जहां वह अपनी ही छवि देखता है। क्योंकि शिष्य गुरु का ही प्रतिबिंब है और गुरु भी हर शिष्य में अपना ही प्रतिबिंब देखते हैं। गुरु में ही शिष्य है और शिष्य में ही गुरु है। गुरु पूर्णिमा शिष्यों के लिए के लिए जन्मों से ढोते आ रहे कर्त्तापन की गठरी को गुरु चरणों में विसर्जित कर गुरु आलिंगन में बंधने का दिवस