हरिद्वार। सप्तसरोवर क्षेत्र स्थित ब्रह्मनिवास आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मदेव महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों ने सदैव समाज को नई दिशा दी है और देश की एकता अखण्डता कायम रखने में संत समाज का अहम योगदान रहा है। ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी जगन्नाथ देव महाराज के सैंतीसवें निर्वाण दिवस के अवसर पर आयोजित ग्रन्थ साहब के अखण्ड पाठ के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी परमात्मदेव महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी जगन्नाथ देव महाराज विद्वान एवं तपस्वी संत थे। अपने तप और विद्वता के माध्यम से उन्होंने सदैव समाज को ज्ञान की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि सभी को ब्रह्मलीन स्वामी जगन्नाथ देव महाराज द्वारा प्रदत्त ज्ञान व शिक्षाओं पर चलते हुए समाज कल्याण में योगदान करना चाहिए। महंत स्वामी कृष्णदेव महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन गुरूदेव स्वामी जगन्नाथ देव महाराज ने संत परंपरांओं का पालन करते हुए सदैव मानव कल्याण में योगदान किया। उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों में वृद्धि करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है। स्वामी रविदेव एवं महंत अरूण दास महाराज ने कहा कि स्वामी जगन्नाथ महाराज महान संत थे। उनका पूरा जीवन समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर सद्मार्ग पर अग्रसर करने और सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार को समर्पित रहा। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। इस अवसर पर स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी परमानन्द, नीतेश यादव, नितिन यादव आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धाल मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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