हरिद्वार। आर्य समाज के संस्थापक दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयन्ती को लेकर देशभर में आर्य को घर-घर स्थापित करने के लिए यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। घर-घर जब यज्ञ होगा तो आर्य समाज की वैदिक ऋचाएं जन-जन तक पहुंचेगी। इस वैदिक परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए डी0ए0वी0 सेंटनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर, कनखल में महात्मा हंसराज का जन्मदिवस 22 अप्रैल को समर्पण दिवस के रूप में मनाने जा रहा है जिसमें उत्तराखण्ड उत्तर, प्रदेश व अन्य प्रदेशों के डी0ए0वी0 स्कूलों के प्रतिनिधियों के रूप में लगभग 950 प्रतिनिधि भाग लेने डी0ए0वी0 स्कूल,हरिद्वार में पहुंच रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डी0ए0वी0 प्रबन्धकर्त्री समिति के प्रधान पद्मश्री डा0 पूनम सूरी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम को लेकर छात्रों व स्टाफ में उत्साह का माहौल है। सम्पूर्ण कार्यक्रम आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा एवं डी0ए0वी0 प्रबन्धकर्त्री समिति के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। आर्य प्रादेशिक सभा तथा डी0ए0वी0 प्रबन्धकर्त्री के प्रधान,कुलाधिपति डी0ए0वी0 विश्वविद्यालय,जालंधर, पद्मश्री उपाधि से अलंकृत पूनम सूरी ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड के लिए यह गौरव की बात है कि डी0ए0वी0 स्कूल हरिद्वार को महात्मा हंसराज की जन्म स्मृति समारोह 2023 समर्पण दिवस के रूप में मनाया जा रहा है जिसमें धर्मगुरु भी प्रतिभाग कर रहे है। बताया कि कार्यक्रम में आर्य समाज के जानी मानी हस्तियां प्रतिभाग करेंगी। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए डी0ए0वी0 जगजीतपुर,डी0.ए0वी0 देहरादून तथा बी0एम0 डी0ए0वी0 स्कूल के 1000विद्यार्थी एक साथ सांस्कृतिक नृत्य नाटिका व अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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