हरिद्वार। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट द्वारा‘‘अनुशासन‘‘ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर मधुसूदन आर्य ने की संचालन राष्ट्रीय महामंत्री विमल कुमार गर्ग ने किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर मधुसूदन आर्य ने कहा कि जीवन में व्यवस्था का अनुसरण करना अनुशासन है संबंधित नियमों का पालन अनुशासन है अपने को वश में रखना अनुशासन है नियमानुसार जीवन की प्रत्येक कार्य करना जीवन को अनुशासन रखता है कुछ व्यक्ति अनुशासन को सत्ता में बाधक मानते हैं ऐसा सोचना तथ्य को चलाना है अनुशासन में रहता है और स्वतंत्र में भी नियंत्रण दोनों में ही अपना नियंत्रण अपने पर नियंत्रण रखना भी इस प्रकार का अनुशासन है जहां आपके अधिकार की रक्षा करती है वहां दूसरों के अधिकारियों को भी उतना ही अवसर प्रदान करती है उन्होने कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट रजिस्टर्ड द्वारा जल्दी ही एक मेडिकल कैंप मेदांता हॉस्पिटल गुड़गांव द्वारा हरिद्वार में लगाया जाएगा। मीडिया प्रभारी राधिका नागरथ ने कहा कि अनुशासन ही देश को महान बनाता है। अनुशासित नागरिक ही देश को उन्नति के पथ पर अग्रसर करते हैं। इतिहास साक्षी है कि किसी भी देश के नागरिकों की अनुशासनहीनता ही उस देश के पतन का कारण बन जाती है। सामान्य व्यक्ति,समाज,संगठन और राष्ट्र का विकास अनुशासन के द्वारा ही संभव है। महिला प्रांतीय उपाध्यक्ष उत्तराखंड पश्चिम श्रीमती रेखा नेगी ने कहा कि अनुशासित जीवन के बिना हम अपने लक्ष्यों की दिशा में काम नहीं कर सकते हैं। यही वजह है कि हमारे बचपन से ही हमें इसका महत्व सिखाया जाता है। उन्होने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं कि जीवन के हर दौर में अनुशासन आवश्यक है और यह एक सभ्य समाज की नींव है। यह न केवल हमें एक जिम्मेदार इंसान बनने में मदद करता है बल्कि हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद करता है। नवनियुक्त जिला अध्यक्ष महिला हरिद्वार श्रीमती संगीता आर्य ने कहा कि प्रत्येक के लिए जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है। यह नियमों या आचार संहिता का पालन करने के लिए लोगों को प्रशिक्षण देने की परंपरा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला श्रीमती शर्मा ने कहा कि अनुशासन जीवन के हर क्षेत्र का प्रमाण है। राष्ट्रीय अध्यक्ष विपिन कुमार शर्मा ने कहा कि प्राचीन काल में गुरुकुल में विद्या प्राप्ति की परंपरा थी। वहां विद्यार्थी गुरुकुल के नियम का दृढ़ता से पालन करते थे। उनकी शिक्षा और दीक्षा का प्रमुख आधार अनुशासन ही था,परंतु आज के समय में विद्यार्थी उन शिष्यों की तरह नहीं है। आज के विद्यार्थी में सहनशीलता,आज्ञाकारिता,श्रद्धा और अनुशासन की बहुत अधिक कमी है। राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष सपना बंसल ने कहा कि अनुशासन रूप के चलने पर ही जीवन की सफलता आधारित है। उन्होने कहा कि हर एक मनुष्य के जीवन में अनुशासन होना सबसे ज्यादा महत्व होता है। खुशहाल जीवन जीने के लिए अनुशासन होना बहुत ही आवश्यक है, इसके बिना हम जीवन नहीं जी सकते। अनुशासन का अर्थ है कि नियमों के अनुसार जीवन यापन करना,यह मानव की प्रगति का मूल मंत्र है। अन्नपूर्णा बंधुनी ने कहा कि अनुशासन हमें आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने कम समय के अंदर अधिक अनुभव करने जैसे बहुत सारे अवसर प्रदान करता है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव राय ने कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट कई पहलुओं पर काम कर रही है तथा 19 स्टेट में कार्यरत है। सुरेश चंद गुप्ता राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने कहा कि अपने पर नियंत्रण रखना भी एक प्रकार का अनुशासन है। इस वेबिनार में जगदीश लाल पाहवा,अरुण कुमार पाठक,अनिल कंसल,अशोक कुमार गुप्ता नीलीमा भगत, अर्चना सिंघल,पंकज कौशिक,हेमंत सिंह नेगी,कुलभूषण शर्मा,नूपुर पाल,प्रीति जोशी,नीलम रावत,साधना रावत बहुखंडी,शिवि अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल,रूसीर कुमार तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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