तीर्थनगरी को उसकी गरिमा के अनुरूप स्वरूप प्रदान कराने का करेंगे प्रयास
हरिद्वार। तीर्थनगरी हरिद्वार में निगम के चुनाव आगामी वर्ष में होगें। इसके लिए अभी से चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है। चुनाव लड़ने के इच्छुक कुछ नेता इसकी अंदरखाने तैयारी में जुटे हैं तो कुछ चुनाव जितने के बाद तीर्थनगरी को उसकी गरिमा के अनुरूप स्वरूप प्रदान करने की बात कह रहे हैं। इन दिनों हरिद्वार से मेयर पद के लिए पूर्व विधायक व वरिष्ठ भाजपा नेता संजय गुप्ता का नाम ऊपर चल रहा है। इस संबंध में जब संजय गुप्ता से पूछा गया तो उनका कहना था कि चुनाव में टिकट मांगना सभी का अधिकार है,किन्तु टिकट का फैसला हाईकमान करता है। हाईकमान जिसे टिकट देगा पार्टी मिलकर उसको चुनाव लड़ाएगी। उनका कहना था कि यदि हाईकमान उन पर भरोसा जताता है और मेयर पद के लिए चुनाव में उतारता है तो जी जान से चुनाव लड़ा जाएगा। अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए संजय गुप्ता ने कहा कि उनकी सनातन व संतों में गहरी आस्था है और सनातन की रक्षा के लिए वे कुछ भी करने को तैयार हैं। उनका कहना है कि संतों का उनको आशीर्वाद मिलता रहा है। यदि पार्टी उन्हें टिकट देती है तो उनकी विजयश्री निश्चित है और जीतने के बाद वे तीर्थनगरी को उसकी मर्यादा के अनुरूप मद्य व मांस मुक्त करने का कार्य करेंगे। इसके अलावा महामना पं. मदन मोहन मालवीय द्वारा किए गए तीर्थनगरी में गैर हिन्दू के प्रवेश संबंधी अनुबंध का सख्ती के साथ पालन करवाएंगे। भाजपा नेता संजय गुप्ता ने कहाकि इन दिनों तीर्थनगरी के आश्रम, अखाड़ों, मठों पर भू माफियाओं की गिद्ध दृष्टि बनी हुई है। उन पर कब्जे के प्रयास किए जा रहे हैं। यदि वे चुनाव जीतते हैं तो इस प्रकार के माफियाओं पर पूरी तरह से लगाम कसी जाएगी। संतों और सनातन संस्कृति का अपमान करने वाले को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तीर्थनगरी को उसकी गरिमा के अनुरूप स्वरूप प्रदान करने की बात कहने वाले भाजपा नेता संजय गुप्ता का कहना है कि जिस प्रकार से राजस्थान की राजधानी जयपुर पिंक सिटी की नाम से जानी जाती है, उसी प्रकार से हरिद्वार को भगवा सिटी का स्वरूप प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक इमारत को भगवा रंग से रंगा जाएगा और कोई भी ऐसा कार्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो तीर्थ की मर्यादा का उल्लंघन करता हो। नशा पूर्ण रूप से तीर्थनगरी में वर्जित किया जाएगा। संजय गुप्ता का कहना है कि संतों और विद्वानों की नगरी में पुस्तकालय की सबसे अधिक आवश्यकता है। यहां ऐसे पुस्तकालय का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें वेद, वेदांत, उपनिषद, शास्त्र और सनातन से संबंधी प्रत्येक धार्मिक ग्रंथ मिल सकें। संतों, विद्वानों और अध्यात्म में रूचि रखने वालों को ऐसे ग्रंथों के लिए ना तो काशी जाना पड़े और ना ही भटकना पड़े। साथ ही हरिद्वार को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाया जाएगा। जिससे यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का सुखद अनुभूति हो सके।
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