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गुरूकुल महाविद्यालय अंतरंग सभा ने लगाया संस्था को खुर्दबुर्द करने का आरोप

 विरोध में संघर्ष करने का ऐलान किया


हरिद्वार। गुरूकुल महाविद्यालय अंतरग सभा ने कुछ लोगों पर संस्था को खुर्दबुर्द करने के प्रयास का आरोप लगाया है। शनिवार को महाविद्यालय में आयोजित प्रैसवार्ता के दौरान अंतरंग सभा के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग जिन्हें कोई अधिकार नहीं है, आर्य समाज की प्रतिष्ठित संस्था गुरूकुल महाविद्यालय का एक अन्य संस्था में विलय करना चाहते हैं। जिसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। अंतरंग सभा ने विरोध में किसी भी स्तर तक संघर्ष करने का ऐलान भी किया। प्रैसवार्ता को संबोधित करते हुए अंतरंग संभा के सदस्य स्वामी कर्मवीर ने कहा कि स्वामी दर्शनानंद द्वारा स्थापित गुरूकुल महाविद्यालय आर्य समाज की प्रतिष्ठित संस्था है। जिसका पूरी दुनिया में एक विशेष स्थान और सम्मान है। महाविद्यालय ने अनेक विद्वान महापुरूष देश और समाज को दिए हैं। वे स्वयं भी गुरूकुल महाविद्यालय के छात्र रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरूकुल महाविद्यालय कोई आम शैक्षणिक संस्थान नहीं है। गुरूकुल महाविद्यालय छात्रों को शिक्षा देने के साथ संस्कृति और संस्कारों का पोषण भी करता है। ऐसी संस्था पर कुदृष्टि रखना अच्छी संस्कृति नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी समय देश में लाखों गुरूकुल थे। लेकिन वर्तमान में केवल 4 हजार गुरूकुल ही शेष बचे हैं। वैदिक परंपरांओं को बचाने के लिए गुरूकुल को बचाना जरूरी है। गुरूकुल को बचाने के लिए सभी को संगठित और जागरूक होना होगा। वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश प्रताप राणा ने कहा कि गुरूकुल महाविद्यालय आर्य समाज की प्राचीन संस्था है। किसी को भी गुरूकुल के स्वरूप को नष्ट करने नहीं दिया जाएगा। मुख्य अधिष्ठाता सोमप्रकाश चौहान ने कहा कि अंतरंग सभा के विरोधी गुट,जिसे कोई अधिकार नहीं है, को आगे कर धन बल के आधार पर महाविद्यालय पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसका डटकर विरोध किया जाएगा। आर्य समाज की प्रतिष्ठित संस्था गुरूकुल महाविद्यालय को खुर्दबुर्द नहीं होने दिया जाएगा। सोमप्रकाश चौहान ने बताया कि महाविद्यालय को बचाने के लिए गुरूकुल बचाओ संघर्ष समिति का नए सिरे से गठन किया गया है। स्वामी कर्मवीर समिति के अध्यक्ष,हाकम सिंह मंत्री व स्वामी मेघानन्द,स्वामी अखिलेशानंद,मानपाल सिंह आर्य, दिनेश आर्य, भाकियू के जिला अध्यक्ष व महाविद्यालय के पूर्व छात्र विजय शास्त्री समिति के सदस्य होंगे। समिति के नेतृत्व में पूरे देश के आर्य समाज से संपर्क कर विरोध की रणनीति तय की जाएगी। प्रैसवार्ता के दौरान उपाध्यक्ष नरेंद्र चौहान व सिद्धार्थ एडवोकेट,मंत्री राणा नंदलाल, वरिष्ठ सदस्य डा.रमेशचंद्र शर्मा,डा.आरडी शर्मा,संदीप शर्मा, शिवकुमार प्रधान, सुखदेव प्रधान, चौधरी नेपाल सिंह आदि मौजूद रहे। 


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