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हरिहर पुरुषोत्तम भागवत धाम का बारहवा वार्षिकोत्सव समारोह धूमधाम से हुआ सम्पन्न


 हरिद्वार। हरिहर पुरुषोत्तम भागवत धाम का 12वां वार्षिकोत्सव समारोह संतों के सानिध्य में संपन्न हुआ। हरिहर पुरुषोत्तम भागवत धाम के वार्षिकोत्सव समारोह के अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवं संत सम्मेलन की अध्यक्षता हरिहर पीठाधीश्वर महंत सुयज्ञ मुनि महाराज ने की व संचालन महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने किया। इस अवसर पर हरिहर पुरुषोत्तम भागवत धाम के परमाध्यक्ष एवं कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश दास उदासीन महाराज ने कहा कि गौ, गंगा, गीत, गुरु, माता-पिता की सेवा करने से जीवन में आने वाली सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और सुख-शांति, समृद्धि की कामना स्थापित होती है। उन्होंने कहा कि देश, समाज एवं परिवार को सतमार्ग पर चलाने के लिए हमें अपने बच्चों को संस्कारित करना चाहिए और शिक्षा के साथ संस्कार देकर उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण करने से जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना पूर्ण होती हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हरिहर पीठाधीश्वर महंत सुयज्ञ मुनि महाराज ने कहा कि सनातन धर्म-संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन के लिए हमें अपने बच्चांे को संस्कारवान बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कालिकाल में श्रीमद भागवत कथा के श्रवण मात्र से जीवन के सभी समस्याएं दूर हो जाती है। बड़ा अखाड़ा उदासीन के महंत रघुमुनी महाराज व कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने संयुक्त रूप में कहा कि हमें जीवन में सत्यमार्ग पर चलकर सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा करते हुए लोक कल्याण की कामना करनी चाहिए और श्रद्धालु भक्तों को संतों-महंतों के सानिध्य में सत्य के मार्ग पर अग्रसर होना चाहिए। हमें आपसी मतभेद मिटाकर केवल प्रभु भक्ति कर लोक कल्याण की कामना करनी चाहिए। कार्यक्रम संयोजक महंत कमलदास महाराज ने सभी महामंडलेश्वर व संतों-महंतों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत कमल दास महाराज ने कहा कि लोक कल्याण के लिए धार्मिक आयोजन से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होकर जीवन को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। हमें अपने बच्चों को संस्कारित बनाने के लिए शिक्षा के साथ संस्कार जरूरी देने चाहिए तभी वो उन्नति के मार्ग में अग्रसर होकर देश व समाज का कल्याण करेंगे। वार्षिकोत्सव समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द, श्रीमहंत देवानंद सरस्वती,कोठारी महंत दामोदरदास,महंत सेवादास,महंत अमरदास,महंत सन्मुख दास,महंत राघवेंद्र दास,महंत अर्जुन दास,महंत विष्णुदास, महंत द्वारकादास,महंत रामशरण दास,महंत रामनोमी दास,महंत शांति दास,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी,पार्षद अनिल मिश्रा,शिवदास दुबे सहित हरियाणा,दिल्ली, पंजाब, हिमाचल के सैकड़ों श्रद्धालु भक्तों ने प्रतिभाग किया।


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गुरु ज्ञान की गंगा में मन का मैल,जन्मों की चिंताएं और कर्त्तापन का बोध भूल जाता है - गुरुदेव नन्दकिशोर श्रीमाली

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