हरिद्वार। निर्धन निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि धर्म के मार्ग पर चलने वालों की हमेशा जीत होती है। सभी को धर्मानुकुल आचरण करते हुए मानव सेवा में योगदान करना चाहिए। चारधाम यात्रा के लिए आए श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन देते हुए स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के कण-कण में देवताओं का वास है। इसीलिए उत्तराखंड को देवभूमि कहा गया है। चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थ की मर्यादा का पालन करते हुए धर्मानुकुल आचरण करें। तीर्थ स्थलों पर किसी प्रकार की गंदगी ना करें और व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा का शुभारंभ हरिद्वार से होता है। यात्रा शुरू करने से पूर्व गंगा स्नान करें और गंगा की पवित्रता, निर्मलता, अविरलता बनाए रखने का संकल्प लें। मां गंगा की कृपा से सभी की यात्रा मंगलमय होगी। पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि संत रूपी गुरू ही साधक के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। संतों के सानिध्य में प्राप्त ज्ञान और अध्यात्म की शिक्षा शिष्य की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। संतों के उपदेशों का पालन करते हुए धर्म के प्रचार प्रसार में योगदान करें। स्वामी शिवानन्द भारती ने कहा कि गंगा और चारधाम करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। यात्रा के दौरान सात्विक आचरण करने से अधिक पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जिससे परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है और कष्ट दूर होते हैं।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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