हरिद्वार। वरिष्ठ पत्रकार राकेश वालिया की धर्मपत्नी श्रीमती आशा वालिया के निधन पर संत समाज ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी और मां गंगा से आत्मा की शांति प्रदान करने की प्रार्थना की। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि दिवंगत आशा वालिया अत्यंत धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी। संत समाज के प्रति उनमें अनुपम श्रद्धा भाव था। भगवती गंगा उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे। कालका पीठाधीश्वर श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज ने कहा कि दिवंगत आशा वालिया ने एक कुशल गृहिणी के रूप में पारिवारिक दायित्व के साथ समाज व धर्म के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी बखूबी निर्वहन किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। श्री जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि दिवंगत आशा वालिया एक आदर्श महिला और कुशल गृहिणी थी। संत समाज की आवाज और विचारों को देश दुनिया में प्रसारित करने में उन्होंने अपने पति राकेश वालिया का हमेशा सहयोग किया। परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि आशा वालिया का निधन बेहद दुखद है। ईश्वर आशा वालिया की आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार को इस दुख को सहन करने का संबल प्रदान करे। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव व अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेन्द्रदास महाराज ने कहा कि दिवंगत आशा वालिया अत्यंत धार्मिक स्वभाव की महिला थी। अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए उन्होंने परिवार को संस्कार दिए। उनका आकस्मिक निधन दुखद है। श्री नारायण उन्हें बैकुंठ धाम में स्थान दें। आनंद पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरी, अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी,स्वामी ऋषिश्वरानंद, श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी आदियोगी,स्वामी प्रबोधानंद गिरी,महंत प्रेम दास,महंत रंजय सिंह, बाबा हठयोगी, स्वामी संतोषानंद, श्रीमहंत गर्व गिरी,महंत कौशलपुरी,महंत बलवीर गिरी,स्वामी ललितानंद गिरी,महंत जयेंद्र मुनि,महंत जसविंदर सिंह,महंत अमनदीप सिंह, स्वामी कपिल मुनि,महंत रुपेंद्र प्रकाश,महंत रामरतन गिरी,महंत गोविंददास,महंत रघुवीर दास, महंत विष्णु दास,महंत दुर्गा दास,महंत अरुण दास, साध्वी जीवन ज्योति मां,साध्वी शरण ज्योति मां आदि संतों ने भी आशा वालिया के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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