हरिद्वार। दुनिया के सबसे जानी मानी आध्यात्मिक कल्याण और योग केंद्र में से एक,जाह्नवी होलिस्टिक वेलनेस सेंटर में जाने माने गायक कैलाश खेर पहुंचे। केंद्र के संस्थापक सदस्यों डॉ. नूतन खेर, डॉ प्रदीप योगी एवं देवाशीष द्विवेदी से मुलाकात कर इसकी सफलता हेतु शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है जाह्नवी होलिस्टिक वेलनेस सेंटर का विचार योगिनी डॉ. नूतन खेर के आध्यात्मिकता,समग्र कल्याण और करुणा को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से प्रेरित योग, ध्यान,होलिस्टिक हीलिंग और आध्यात्मिकता केंद्र है। संस्था के संस्थापक डॉ.नूतन खेर ने कहा,‘‘कैलाश खेर का जाह्नवी केंद्र में आना इसकी उत्कृष्ट सेवाओं का प्रमाण है और उनके आशीर्वचन से हमें अत्यंत प्रसन्नता हुए है जिससे निश्चित ही केंद्र के आगामी विस्तार एवं प्रसार के नए आयाम स्थापित होंगे। साथ ही केंद्र स्थानीय निवासियों विशेषकर युवाओं को इस ज्ञान द्वारा प्रशिक्षण देने और उनको आत्मसंबल बनाने हेतु योजना में कार्य कर रहा है आचार्य डॉ. प्रदीप योगी भी जाह्नवी होलिस्टिक वेलनेस सेंटर के कैलाशा योगा का हिस्सा हैं, जो एक जो की एक मान्यता प्राप्त पंजीकृत अंतरराष्ट्रीय योग शिक्षक है। योगाचार्य डॉ प्रदीप योगी द्वारा जाह्नवी वेलनेस सेंटर में योग के व्यावसायिक कोर्स कैलासा योग के अन्तर्गत चलाये जा रहे हैं। कैलासा योग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के टीचर ट्रेनिंग कोर्स और विभिन्न दिवसों के योग रिट्रीट प्रोग्राम एवं कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए विशेष रिट्रीट प्रोग्राम का संचालन किया जाता हैं जिसमें योग,ध्यान,अध्यात्म आदि के द्वारा कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्य कुशलता में वृद्धि होती है जो भगवद्गीता के श्लोक योगःकर्मसु कौशलम् को सार्थक करता है। वेलनेस सेंटर में डॉ.नूतन खेर द्वारा विकसित चिकित्सा‘‘सर्वांग आर्ट ऑफ हीलिंग‘‘ अवधारणा को पेश किया जाता है,जो समग्र रूप से भारतीय चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित है, जिनके पास उपचार का 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है। ‘‘उल्लेखनीय है अपनी ऊर्जा के माध्यम से उन्होंने अनगिनत लोगों के जीवन में संतुलन और सकारात्मक परिवर्तन किया है।‘‘ हरिद्वार में चल रहा ये केंद्र आगंतुकों को डॉ. नूतन के उपचार की शक्ति का प्रत्यक्ष अनुभव के साथ साथ कैलाशा योगा के बारे में जांनने का अवसर प्रदान करता है ।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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