हरिद्वार। उत्तराखंड क्रांति दल के महानगर उपाध्यक्ष गोकुल सिंह रावत ने कहा है कि गंगा की निर्मलता और अविरलता को लेकर राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रूपए की योजनाओं का संचालन करने बाद भी गंगा में सीवर व नालों का गंदा पानी गिरना बंद नहीं हो रहा है। गंगा में पुराने कपड़े, वेस्ट सामान, पॉलीथीन आदि निरंतर डाले जा रहे हैं। जिससे गंगा में प्रदूषण बढ़ रहा है। गोकुल रावत ने आरोप लगाया कि होटल, धर्मशालाओं के प्रबंधक गंगा में सीवर का गंदा पानी बहा रहे हैं। गंगा की निर्मलता स्वच्छता को नष्ट करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इस और जिला प्रशासन को ठोस कदम उठाते हुए गंगा में गिर रहे सीवर के गंदे पानी को बंद करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। गोकुल रावत ने कहा कि गंगा करोड़ों लोगों की आस्था की पहचान है। गंगा को स्वच्छ, निर्मल बनाए रखने में सभी की सहभागिता जरूरी है। गोकुल रावत ने होटल, धर्मशालाओं के प्रबंधकों से मांग की कि किसी प्रकार की गंदगी गंगा में समाहित की जाए। उन्होंने कहा कि गंगा को स्वच्छ, निर्मल व अविरल बनाए रखना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। गंगा स्वच्छता के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए यूकेडी जल्द ही जागरूकता अभियान की शुरूआत करेगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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