हरिद्वार। दवा उद्योग कामगार यूनियन (सीटू) के प्रांतीय महामंत्री एमपी जखमोला ने कहा कि दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट से हटाए गए श्रमिकों को 18 साल लंबे संघर्ष के बाद न्याय मिला है। श्रम विभाग को श्रमिकों के हित में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू कराते हुए श्रमिको को उनका अधिकार दिलाना चाहिए। प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एमपी जखमोला ने बताया कि 2005 में दिव्य योग मंदिर में कार्यरत 93 श्रमिको को बिना किसी कारण के सेवा से हटा दिया गया था। सेवा बहाली व अपने अधिकारों को लेकर श्रमिकों ने सरकार, श्रम विभाग, लेबर कोर्ट, हाईकोर्ट व उच्चतम न्यायलय सहित तमाम स्तरों पर 18 साल तक लगातार संघर्ष किया। इस दौरान सेवायोजक दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट व श्रमिकों के बीच समझौता भी हुआ। लेकिन सेवायोजक ने समझौते का पालन नहीं किया। इसके खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में लड़ाई लड़ी गयी और अंततः उच्चतम न्यायालय ने 24 अप्रैल को श्रमिकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए समझौते को लागू करने के आदेश दिए हैं। एमपी जखमोला ने कहा कि फैसला आने के बाद श्रम विभाग को समझौते का पालन कराते हुए श्रमिकों को उनके अधिकार दिलाने चाहिए। प्रैसवार्ता में सीटू जिला अध्यक्ष पीडी बलोनी, जिला महामन्त्री इमरत सिंह, कपिल के अलावा कई पीडित श्रमिक भी उपस्थित रहे।
Comments
Post a Comment