हरिद्वार। कूटरचना कर बैंक से लाखों रूपए की धोखाधड़ी करने के मामले में ज्वालापुर कोतवाली पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। धोखाधड़ी में शामिल एक आरोपी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जबकि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आईसीआईसीआई होम फाइनेंस कंपनी के टेरिटरी बिजनेस मैनेजर ने पुलिस को तहरीर देकर संदीप पुत्र राजकुमार निवासी दुर्गाविहार राज लोक कॉलोनी ज्वालापुर,राजकुमार पुत्र सत्यदीन निवासी दुर्गाविहार राजलोक कॉलोनी ज्वालापुर,हरकेश बहादुर पुत्र जगदीश प्रसाद निवासी कमलविहार आन्नेकी हेतमपुर थाना सिडकुल,सोनिया पत्नी राजकुमार निवासी दुर्गा विहार कॉलोनी ज्वालापुर,प्रदीप पाल पुत्र सुमंत पाल निवासी ऋषिकुल विद्यापीठ,सुमंतपाल पुत्र राम सिंह निवासी ऋषिकुल विद्यापीठ के विरुद्ध आपराधिक षड्यंत्र कर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी कर 28,80000 का लोन लेने तथा लोन वापस ना करने के संबंध में मुकद्मा दर्ज कराया था। जिसमें हरकेश बहादुर पुत्र जगदीश प्रसाद निवासी कमल विहार कॉलोनी आन्नेकी हेतमपुर थाना सिडकुल हरिद्वार तथा उसकी मृतक पत्नी आशा देवी जिसकी मृत्यु अप्रैल 2020 में हो गई थी,को जीवित दिखाकर उनके नाम से आरोपी संदीप द्वारा लोन प्राप्त किया गया तथा लोन धनराशि से हरकेश बहादुर के नाम संपत्ति खरीदी गयी संपत्ति षड्यंत्र के तहत आरोपी राजकुमार के नाम कर दी गयी। मामले की विवेचना उपनिरीक्षक शमशेर अली द्वारा की जा रही थी। जिसमें पुलिस ने आरोपी राजकुमार को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश अनुसार जेल भेज दिया गया था। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी प्रयासों में जुटी पुलिस ने एक आरोपी संदीप को थाना क्षेत्रांतर्गत से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम में विवेचना अधिकारी एसआई शमशेर अली व कांस्टेबल संदीप सिंह शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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