उत्तरकाशी। हरिद्वार के चिन्मय डिग्री कॉलेज की प्रबंध समिति द्वारा शिक्षकों के लिए तीन दिवसीय चिन्मय विजन प्रोग्राम कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षक का समाज के प्रति दायित्व क्या होना चाहिए। इस विषय पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखें। चिन्मय शैक्षिक समिति के अध्यक्ष कर्नल राकेश सचदेवा ने बताया कि 27लोगों का दल उत्तरकाशी पहुंच गया है।.गंगा किनारे स्थित तपोवन कुटीर के सेमिनार हॉल में शुरू हुई यह कार्यशाला गुरुवार को संपन्न होगी। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यशाला के अंतिम दिन प्रतिभागियों को काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन और आसपास के क्षेत्रों में भ्रमण भी कराया जाएगा। कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं रुद्राष्टकम पाठ से हुई। मुख्य वक्ता के रूप में सेंट्रल चिन्मय मिशन ट्रस्ट कोयंबटूर के जोनल डायरेक्टर स्वामी अनुकूलानंद एवं अकेडमी के एडमिनिस्ट्रेटर मीणा श्रीराम उपस्थित रहे। ब्रह्मचारी सनातन चैतन्य,इंटरनेशनल रेजिडेंशियल स्कूल के आध्यात्मिक गाइड ने कार्यक्रम का संचालन किया। तपोवन कुटी के परमाध्यक्ष स्वामी देवआत्मानंद ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि यह स्वामी तपोवन महाराज का जीवंत स्थान है। वह एक उच्च कोटि के हिमालय के संत थे।.यहां आकर हम अपने जीवन में परिवर्तन महसूस करते हैं। चिन्मय डिग्री कॉलेज के प्राचार्य आलोक अग्रवाल ने संक्षेप में सभी प्रतिभागियों का परिचय कराते हुए कार्यशाला के आयोजन के मुख्य उद्देश्य के साथ सबका स्वागत किया। दिन भर चलने वाली इस कार्यशाला में सुबह 9ः00 बजे से लेकर रात के 8ः30 बजे तक मूल्यों पर आधारित शिक्षा के विभिन्न पक्ष सभी प्रोफेसर और अध्यापकों को सिखाए जाएंगे। मुख्य वक्ता स्वामी अनुकूलानंद ने कहा कि हम जो पढ़ाते हैं वह जीवन के लिए क्यों उपयोगी है इस विषय पर अलग-अलग सत्र चलेंगे।
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