हरिद्वार। भारत माता जनहित ट्रस्ट में विशाल संत समागम ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज की चतुर्थ पुण्यतिथि के अवसर पर संत समागम का आयोजन किया गया। संत समागम को संबोधित करते हुए जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा गुरुदेव स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज ज्ञान की अंतिम पराकाष्ठा थे। उन्होंने ज्ञान की ऐसी गंगा बहाई कि लाखों भक्तजन उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद अपने जीवन धन्य कर सार्थक बना चुके है।ं संत सनातन मूल्यों के संरक्षण के लिए सदैव संघर्षरत रहते हैं। इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद जी महाराज ने कहा पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज ने सनातन धर्म को सैद्धांतिक मूल्यों से जोड़ते हुए विश्व भर को सनातन धर्म की परंपरा से अवगत कराया। विश्व भर में सनातन धर्म की ख्याति स्थापित की। इस अवसर पर स्वामी ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज ज्ञान का एक विशाल सूर्य थे,उनके ज्ञान का प्रकाश आज भी उनके लाखों करोड़ों भक्त अनुयायियों में विद्यमान है। संत समागम में पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी,महामंडलेश्वर हरिचेतनानंदख् श्रीराम मुनी,देवानंद सरस्वती,महंत कैलाशानंद, महंत विष्णु दास,कमलेशानंद शांति प्रकाश, कोठारी महंत जसविंदर सिंह शास्त्री, वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण सहित भारी संख्या में संत महंत उपस्थित थे।
हरिद्वार। भारत माता जनहित ट्रस्ट में विशाल संत समागम ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज की चतुर्थ पुण्यतिथि के अवसर पर संत समागम का आयोजन किया गया। संत समागम को संबोधित करते हुए जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा गुरुदेव स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज ज्ञान की अंतिम पराकाष्ठा थे। उन्होंने ज्ञान की ऐसी गंगा बहाई कि लाखों भक्तजन उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद अपने जीवन धन्य कर सार्थक बना चुके है।ं संत सनातन मूल्यों के संरक्षण के लिए सदैव संघर्षरत रहते हैं। इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद जी महाराज ने कहा पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज ने सनातन धर्म को सैद्धांतिक मूल्यों से जोड़ते हुए विश्व भर को सनातन धर्म की परंपरा से अवगत कराया। विश्व भर में सनातन धर्म की ख्याति स्थापित की। इस अवसर पर स्वामी ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज ज्ञान का एक विशाल सूर्य थे,उनके ज्ञान का प्रकाश आज भी उनके लाखों करोड़ों भक्त अनुयायियों में विद्यमान है। संत समागम में पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी,महामंडलेश्वर हरिचेतनानंदख् श्रीराम मुनी,देवानंद सरस्वती,महंत कैलाशानंद, महंत विष्णु दास,कमलेशानंद शांति प्रकाश, कोठारी महंत जसविंदर सिंह शास्त्री, वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण सहित भारी संख्या में संत महंत उपस्थित थे।
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