हरिद्वार। श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत गोविंददास महाराज ने कहा कि पूरे सावन महीने दक्ष मंदिर में विराजमान रहकर सृष्टि का संचालन करने वाले भगवान शिव भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। श्रीमहंत गोविंददास महाराज ने कहा कि भगवान शिव को जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक अत्यन्त प्रिय है। सावन के महीने में भगवान शिव को विल्ब अर्पित कर गंगा जल, पंचामृत, दूध, दही, शहद, भांग, धतूरा आदि से अभिषेक करने पर वे अत्यन्त प्रसन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा भगवान शिव की आराधना है। शिवभक्त कठिन यात्रा करते हुए हरिद्वार से गंगा जल ले जाकर अपने अभिष्ट शिवालियों में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। सभी को भगवान शिव के निमित्त कठिन यात्रा करने वाले शिवभक्त कांवड़ियों की सेवा और सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सावन दो महीने का है। ऐसे में श्रद्धालुओं को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा। सभी को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और पूर्ण विधि विधान तथा श्रद्धा पूर्वक देवों के देव महादेव की आराधना करनी चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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