हरिद्वार। श्यामपुर कांगड़ी स्थित शिवालय निकेतन ट्रस्ट के परमाध्यक्ष स्वामी बिपनानंद महाराज ने कहा कि श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का महापर्व है। श्रावण में भगवान शिव सृष्टि का संचालन कर अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं और जगत का कल्याण करते हैं। भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी बिपनानंद महाराज ने कहा कि देवों के देव महादेव कैलाशवासी भगवान शिव बहुत दयालु एवं कृपालु हैं, जो भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। मोक्ष प्राप्ति के लिए भगवान शिव की आराधना से बढ़कर कोई और साधन नहीं है। भगवान शिव की महिमा अपरंपार है। जो स्वयं पर्वत पर विराजमान रहकर जगत का संरक्षण करते हैं। श्रावण मास में जो श्रद्धालु भक्त विधि विधान पूर्वक भगवान का जलाभिषेक करता है। उसका जीवन सदैव उन्नति की और अग्रसर रहता है। स्वामी नागेंद्र ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि श्रावण मास में शिव आराधना का विशेष महत्व है। जो श्रद्धालु भक्त श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की शरण में आ जाता है। भगवान शिव की कृपा से उसका कल्याण होता है और जीवन भवसागर से पार हो जाता है। स्वामी आदियोगी महाराज ने कहा कि भगवान शिव परम कल्याणकारी हैं और अपने भक्तों को भवसागर से पार लगाते हैं। भगवान शिव की कृपा से भक्त की सभी कठिनाईयों का शमन हो जाता है। इसलिए श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना अवश्य करनी चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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