हरिद्वार। अखिल भारतीय सनातन परिषद युवा विंग की ओर से उत्तराखंड के लोक पर्व हरेला को पखवाड़ा के रूप में मनाते हुए पौधारोपण किया गया। मुख्य अतिथि अखिल भारतीय सनातन परिषद के संस्थापक अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने विधि विधान से मंत्रोच्चार के बाद रुद्राक्ष का पेड़ लगाया। इसके अलावा अमरूद,आम,जामुन,पीपल,बरगद,नीम, आंवला के पौधे भी रोपित किए गए। श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने सभी को पेड़ों के संरक्षण का संकल्प दिलाया। इस दौरान परिषद के पदाधिकारियों ने फूलमाला और पटका पहनाकर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज का स्वागत किया। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि हरेला पर्व उत्तराखंड की लोक परंपराओं तथा लोक संस्कृति से जुड़ा पर्यावरण संरक्षण का महोत्सव है। हरेला पर्व के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश मिलता है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण के समय औषधीय व स्वास्थ्यवर्द्धक पौधों के रोपण को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए। राष्ट्रीय महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि हरेला पर्व हरियाली यानि पर्यावरण से जुड़ा हुआ है और समृद्धि का प्रतीक है। कृषि प्रधान देश भारत की कृषि संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। अखिल भारतीय सनातन परिषद युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह और प्रदेश महामंत्री सावन लखेरा ने कहा कि मनुष्य अपनी सुख-सुविधाओं के लिए संसाधनों को बढ़ा रहा है। जिससे प्रकृति का दोहन हो रहा है। वनों के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए सभी की जन सहभागिता से वृक्षारोपण किया जाना आवश्यक है। रौपे गए पौधों के संरक्षण व संवर्द्धन की जिम्मेदारी भी सभी को लेनी चाहिए। इस अवसर पर सतीश वन,महंत रवि पुरी,उमेश त्रिपाठी,अजय गोयल, धीरेंद्र प्रताप सिंह, अतुल चौहान,अतुल खोरी,गोपाल,सत्येंद्र सिंह,अरुण चौहान,करण गिरि, अजय सिंह, प्रवीण ध्यानी आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। अखिल भारतीय सनातन परिषद युवा विंग की ओर से उत्तराखंड के लोक पर्व हरेला को पखवाड़ा के रूप में मनाते हुए पौधारोपण किया गया। मुख्य अतिथि अखिल भारतीय सनातन परिषद के संस्थापक अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने विधि विधान से मंत्रोच्चार के बाद रुद्राक्ष का पेड़ लगाया। इसके अलावा अमरूद,आम,जामुन,पीपल,बरगद,नीम, आंवला के पौधे भी रोपित किए गए। श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने सभी को पेड़ों के संरक्षण का संकल्प दिलाया। इस दौरान परिषद के पदाधिकारियों ने फूलमाला और पटका पहनाकर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज का स्वागत किया। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि हरेला पर्व उत्तराखंड की लोक परंपराओं तथा लोक संस्कृति से जुड़ा पर्यावरण संरक्षण का महोत्सव है। हरेला पर्व के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश मिलता है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण के समय औषधीय व स्वास्थ्यवर्द्धक पौधों के रोपण को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए। राष्ट्रीय महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि हरेला पर्व हरियाली यानि पर्यावरण से जुड़ा हुआ है और समृद्धि का प्रतीक है। कृषि प्रधान देश भारत की कृषि संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। अखिल भारतीय सनातन परिषद युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह और प्रदेश महामंत्री सावन लखेरा ने कहा कि मनुष्य अपनी सुख-सुविधाओं के लिए संसाधनों को बढ़ा रहा है। जिससे प्रकृति का दोहन हो रहा है। वनों के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए सभी की जन सहभागिता से वृक्षारोपण किया जाना आवश्यक है। रौपे गए पौधों के संरक्षण व संवर्द्धन की जिम्मेदारी भी सभी को लेनी चाहिए। इस अवसर पर सतीश वन,महंत रवि पुरी,उमेश त्रिपाठी,अजय गोयल, धीरेंद्र प्रताप सिंह, अतुल चौहान,अतुल खोरी,गोपाल,सत्येंद्र सिंह,अरुण चौहान,करण गिरि, अजय सिंह, प्रवीण ध्यानी आदि मौजूद रहे।
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