हरिद्वार। भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन के प्रदेश सचिव अरबाज अली ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि हरिद्वार के लक्सर, खानपुर तथा घाड़ के कई इलाकों में भरी वर्षा और बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। हरिद्वार के साथ प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश से किसानों की फैसले चौपट हो गई हैं। जिससे उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। देश में किसानों की हालत बद से बदतर है और ऊपर से मौसम की मार किसानों की कमर तोड़ देती है। सबकी थाली में अन्न परोसने वाले किसान की थाली खाली रह जाती है। फिर भी किसान अन्न उगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। मौसम की मार से लेकर बिचौलियों तक से जूझकर किसान लगातार कृषि कार्यों में लगा रहता है। लेकिन किसान को उसकी फसलों का वाजिब दाम भी नही मिल पाता। अरबाज अली ने मांग करते हुए कि उत्तराखंड के जिन क्षेत्रों में बाढ़ अथवा भारी बारिश से नुकसान हुआ है उन क्षेत्रों को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर लोगो को हुए नुकसान का आकलन कर उनके नुकसान की भरपाई की जाए। किसानों को उनकी फसलों का सही और वाजिब मुआवजा दिया जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के बिजली के बिल और ऋण माफ किए जाएं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के मजदूरों को भी राज्य सरकार द्वारा उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। जिनके मकान भारी बारिश और बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उनको मुआवजा दिया जाए या उनका पुनर्स्थापन किया जाए। तटवर्ती इलाकों में नदियों के तटों की मरम्मत और तटबंध को दुरुस्त किया जाए, जहां नदियों के कटान की स्तिथि है वहां तटबंध बनाए जाए। बारिश और बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए पुलों को भी जल्द से जल्द ठीक किया जाए। अरबाज अली ने जिला प्रशासन से शहर में होने वाले जलभराव की समस्या दूर करने की मांग भी की।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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