हरिद्वार। शिवालिक पर्वतमाला में स्थित मनसादेवी पहाड़ी पर बरसात की वजह से हिल बाईपास व आबादी वाले क्षेत्रों में जगह-जगह लगातार हो रहे भू-स्खलन को देखते हुये जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की पहल पर विशेषज्ञों की टीम ने भूस्खलन का व्यापक व गहन स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है। रिपोर्ट में भूस्खलन की रोकथाम के लिए कई सुझाव दिए गए हैं। रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने हिल बाईपास के किनारे स्थित अस्थिर ढलानों को स्थिरता प्रदान करने के लिए पानी की उचित निकासी की व्यवस्था के साथ ही सतह के उपचार के लिये रिटेनिंग दीवारों का निर्माण,रिटेनिंग स्ट्रक्चर को पहाड़ी के साथ घाटी की तरफ भी बनाए जाने का सुझाव दिया है। विशेषज्ञों ने भूस्खलन प्रभावित पूरे क्षेत्र का मानचित्र तैयार करने,मानचित्र तैयार करने के लिए पूरे क्षेत्र के स्थलाकृतिक मानचित्रण की आवश्यकता तथा मनसा देवी पहाड़ी के 3डी स्थलाकृतिक मानचित्रण के लिए ड्रोन सर्वेक्षण का भी सुझाव दिया है। जिससे उच्च रिजॉल्यूशन छवियां प्राप्त हो सकती हैं। टीम ने रिपोर्ट में शमन उपायों के साथ-साथ भूवैज्ञानिक,स्थलाकृतिक,भूभौतिकीय और भूतकनीकी सर्वेक्षण व जांच का सुझाव भी दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में पानी का प्रवेश एक बड़ी समस्या है। इसलिए उचित जल निकासी के लिए साइट का अध्ययन किया जाना चाहिए तथा उसी के अनुसार क्षेत्र में उचित सतही जल निकासी प्रदान की जानी चाहिए। उचित जल निकासी प्रणाली के साथ जगह-जगह चेक बांध बनाये जाने चाहिए, ताकि ढलान से होते हुए जो मलबा शहर तक पहुँच रहा है, उसकी रोक- थाम हो सके। क्षतिग्रस्त और मलबे से भरी पुरानी नालियों की मरम्मत तथा सफाई की जानी चाहिए। ढलान पर जहां-जहां ढीली मिट्टी है, उसे तार की जाली की सहायता से मजबूत किया जाना चाहिए। टीम ने यह भी सुझाव दिया है कि कटाव और फिसलन को रोकने के लिए मिट्टी के ढलान पर कटाव नियंत्रण के लिए चटाई बिछाना भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। रेलवे ट्रैक के पास अस्थिर ढलान के संबंध में टीम ने सुझाव दिया है कि मलबे को ट्रैक तक पहुंचने से रोकने के लिए रेलवे ट्रैक के पास अस्थिर ढलान पर आरसीसी रिटेनिंग दीवार बनाई जाये।उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबन्धन केन्द्र (यूएलएमएमसी) के निदेशक डा. शान्तनू सरकार के निर्देशन में यूएसडीएमए जीआईएस एक्सपर्ट डा.रोहित कुमार, यूएसडीएमए भूवैज्ञानिक डा.टन्ड्रिला सरकार आदि विशेषज्ञों की टीम ने 26 एवं 31 जुलाई को मंशा देवी पहाड़ी का निरीक्षण किया था। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि विशेषज्ञ टीम की रिपोर्ट के अनुसार शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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