हरिद्वार। भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के समापन कार्यक्रम के रूप में परिकल्पित “मेरी माटी मेरा देश” अभियान का आयोजन आज बीएचईएल में किया गया। बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक प्रवीण चन्द्र झा के नेतृत्व में संस्थान के सभी कर्मचारियों ने हाथ में मिट्टी लेकर पंच प्राण प्रतिज्ञा के माध्यम से देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रवीण चन्द्र झा ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर शुरू किया गया “मेरी माटी मेरा देश” अभियान का मूल उद्देश्य देश के शहीद वीर एवं वीरांगनाओ को सम्मान प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली इतिहास और उसके नायकों से परिचित कराने का यह एक सशक्त माध्यम है। सभी कर्मचारियों ने प्रतिज्ञा ली कि वे गुलामी की मानसिकता को जड़ से निकालकर देश की समृद्ध विरासत पर गर्व करेंगे। एकजुट रहकर जिम्मेदार नागरिक के सभी कर्तव्य निभाएंगे व देश के रक्षकों का सम्मान करते हुए भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना साकार करेंगे। इस अवसर पर महाप्रबन्धकगण, वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी तथा श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
हरिद्वार। भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के समापन कार्यक्रम के रूप में परिकल्पित “मेरी माटी मेरा देश” अभियान का आयोजन आज बीएचईएल में किया गया। बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक प्रवीण चन्द्र झा के नेतृत्व में संस्थान के सभी कर्मचारियों ने हाथ में मिट्टी लेकर पंच प्राण प्रतिज्ञा के माध्यम से देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रवीण चन्द्र झा ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर शुरू किया गया “मेरी माटी मेरा देश” अभियान का मूल उद्देश्य देश के शहीद वीर एवं वीरांगनाओ को सम्मान प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली इतिहास और उसके नायकों से परिचित कराने का यह एक सशक्त माध्यम है। सभी कर्मचारियों ने प्रतिज्ञा ली कि वे गुलामी की मानसिकता को जड़ से निकालकर देश की समृद्ध विरासत पर गर्व करेंगे। एकजुट रहकर जिम्मेदार नागरिक के सभी कर्तव्य निभाएंगे व देश के रक्षकों का सम्मान करते हुए भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना साकार करेंगे। इस अवसर पर महाप्रबन्धकगण, वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी तथा श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
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