हरिद्वार। अखिल भारतीय संत समिति के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज ने ज्ञानवापी का सर्वे कराए जाने के अदालत के आदेश का स्वागत किया है। महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि सभी तथ्य ज्ञानवापी के मंदिर होने के पक्ष में है। सर्वे के बाद यह सच्चाई पूरी तरह साफ हो जाएगी। लेकिन कुछ लोग सच्चाई सामने आने से रोकने के लिए सर्वे की कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। जो सच्चाई है वह सर्वे के बाद सबके सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि लोग धैर्य बनाए रखें। निश्चित रूप से ज्ञानवापी विवाद हल होगा। हिंदू सनातनी ज्ञानवापी को लेकर काफी समय से आवाज उठा रहे थे। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सर्वे शुरू हुआ है। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। बाहर से आने वाले आक्रांताओं के द्वारा समय समय पर भारत के मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया। हमें सचेत रहना चाहिए। मठ मंदिरों की सुरक्षा को लेकर सरकारों को कदम उठाने चाहिए। देश के मठ मंदिरों की सुरक्षा के लिए भारत के संत महापुरूषों को आगे आना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में ही मठ मंदिरों की सुरक्षा संभव हो सकती है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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