हरिद्वार। निंरजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने भगवान शिव के निमित्त एक माह चलने वाले विशेष अनुष्ठान की शुरूआत करते हुए गंगा पूजन किया और विभिन्न प्रकार के पुष्पों से शिवलिंग का श्रंग्रार कर व पंचामृत से अभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना की। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि सावन में भगवान शिव की उपासना एवं अभिषेक का विशेष महत्व है। स्वयं को शिव को समर्पित कर उनकी आराधना वाले भक्त के सभी कष्ट हर लेते हैं। शिव कृपा से परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है और जीवन भवसागर से पार हो जाता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि शिव ही सत्य और सनातन हैं। शिव कृपा अनन्त है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव को प्रकृति से विशेष लगाव है। इसीलिए सांसरिक कोलाहाल से दूर कैलाश पर्वत को उन्होंने अपना निवास बनाया है। उन्होंने कहा कि श्री दक्षिण काली मंदिर में मां भगवती के साथ भगवान शिव भी साक्षात रूप से विराजमान हैं। सच्चे हृदय से शिव शक्ति का स्मरण व आराधना करने वाले भक्त को उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती है। इस दौरान स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी,महंत लालबाबा, बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, संजय जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
हरिद्वार। निंरजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने भगवान शिव के निमित्त एक माह चलने वाले विशेष अनुष्ठान की शुरूआत करते हुए गंगा पूजन किया और विभिन्न प्रकार के पुष्पों से शिवलिंग का श्रंग्रार कर व पंचामृत से अभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना की। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि सावन में भगवान शिव की उपासना एवं अभिषेक का विशेष महत्व है। स्वयं को शिव को समर्पित कर उनकी आराधना वाले भक्त के सभी कष्ट हर लेते हैं। शिव कृपा से परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है और जीवन भवसागर से पार हो जाता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि शिव ही सत्य और सनातन हैं। शिव कृपा अनन्त है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव को प्रकृति से विशेष लगाव है। इसीलिए सांसरिक कोलाहाल से दूर कैलाश पर्वत को उन्होंने अपना निवास बनाया है। उन्होंने कहा कि श्री दक्षिण काली मंदिर में मां भगवती के साथ भगवान शिव भी साक्षात रूप से विराजमान हैं। सच्चे हृदय से शिव शक्ति का स्मरण व आराधना करने वाले भक्त को उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती है। इस दौरान स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी,महंत लालबाबा, बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, संजय जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
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