हरिद्वार। जगजीतपुर स्थित शिवडेल स्कूल में शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का उद्घाटन शिवडेल परिवार के संस्थापक स्वामी शरद पुरी किया। छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए स्वामी शरद पुरी महाराज ने कहा कि आज की पीढ़ी तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति की ओर बढ़ रही है। लेकिन खेलों का महत्व कभी भी कम नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि शतरंज एक मानसिक खेल है, जो न केवल मस्तिष्क को तीव्र करता है। बल्कि हमें जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी धैर्य एवं एकाग्रता से कार्य करना सिखाता है। उन्होंने युवा भारतीय शतरंज खिलाड़ी रमेशबाबू प्रज्ञाननंद का उदाहरण देते हुए कहा कि मेहनत,समर्पण और सही दिशा में प्रयास करने से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि स्कूल के सभी छात्र छात्राएं उत्साह तथा जोश के साथ जीवन के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ंे। प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में कक्षा 6 बालिका वर्ग में ओजस्वी बोनाल ने प्रथम तथा बालक वर्ग में युग मित्तल ने प्रथम तथा सात्विक ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा 7बालिका वर्ग में जाह्नवी ने प्रथम तथा बालक वर्ग में आशीष ठाकुर ने प्रथम तथा आदि आर्य ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा 8 बालिका वर्ग में जाह्नवी ने प्रथम, अवंतिका ने दूसरा स्थान प्राप्त किया तथा बालक वर्ग में चिरायु राणा ने प्रथम तथा वैभव ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा 9 और 10 से बालिका वर्ग में मनु भारद्वाज ने प्रथम तथा अदिति सहजपाल ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। बालक वर्ग में तन्मय वर्मा ने प्रथम तथा अथर्व गौड़ ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा 11 व 12 से बालिका वर्ग में संस्कृति भट्ट ने प्रथम तथा अदिति सिंह ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। बालक वर्ग में अंशुल राणा ने प्रथम तथा संस्कार ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य अरविंद कुमार बंसल, कोऑर्डिनेटर विपिन मलिक एवं समस्त अध्यापक एवं अध्यापिकाओं ने छात्र छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। खेल प्रशिक्षिका नरेश कुमारी,अंकित सरोहा और शुभम चौधरी ने प्रतियोगिता के आयोजन में योगदान दिया।
हरिद्वार। जगजीतपुर स्थित शिवडेल स्कूल में शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का उद्घाटन शिवडेल परिवार के संस्थापक स्वामी शरद पुरी किया। छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए स्वामी शरद पुरी महाराज ने कहा कि आज की पीढ़ी तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति की ओर बढ़ रही है। लेकिन खेलों का महत्व कभी भी कम नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि शतरंज एक मानसिक खेल है, जो न केवल मस्तिष्क को तीव्र करता है। बल्कि हमें जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी धैर्य एवं एकाग्रता से कार्य करना सिखाता है। उन्होंने युवा भारतीय शतरंज खिलाड़ी रमेशबाबू प्रज्ञाननंद का उदाहरण देते हुए कहा कि मेहनत,समर्पण और सही दिशा में प्रयास करने से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि स्कूल के सभी छात्र छात्राएं उत्साह तथा जोश के साथ जीवन के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ंे। प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में कक्षा 6 बालिका वर्ग में ओजस्वी बोनाल ने प्रथम तथा बालक वर्ग में युग मित्तल ने प्रथम तथा सात्विक ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा 7बालिका वर्ग में जाह्नवी ने प्रथम तथा बालक वर्ग में आशीष ठाकुर ने प्रथम तथा आदि आर्य ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा 8 बालिका वर्ग में जाह्नवी ने प्रथम, अवंतिका ने दूसरा स्थान प्राप्त किया तथा बालक वर्ग में चिरायु राणा ने प्रथम तथा वैभव ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा 9 और 10 से बालिका वर्ग में मनु भारद्वाज ने प्रथम तथा अदिति सहजपाल ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। बालक वर्ग में तन्मय वर्मा ने प्रथम तथा अथर्व गौड़ ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा 11 व 12 से बालिका वर्ग में संस्कृति भट्ट ने प्रथम तथा अदिति सिंह ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। बालक वर्ग में अंशुल राणा ने प्रथम तथा संस्कार ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य अरविंद कुमार बंसल, कोऑर्डिनेटर विपिन मलिक एवं समस्त अध्यापक एवं अध्यापिकाओं ने छात्र छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। खेल प्रशिक्षिका नरेश कुमारी,अंकित सरोहा और शुभम चौधरी ने प्रतियोगिता के आयोजन में योगदान दिया।
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