हरिद्वार। निंरजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि मात्र जलाभिषेक से ही प्रसन्न होने वाले महादेव शिव की महिमा अपरम्पार है। सृष्टि की उत्पत्ति स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव ही हैं। त्रिदेवों में संहार के देवता माने गए शिव ही अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदिस्रोत हैं। श्री दक्षिण काली मंदिर में पूरे माह चलने वाले भगवान शिव के निमित्त विशेष अनुष्ठान के दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि देवों के महादेव शिव ही संसार का आदि और अंत हैं। श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शिव की शरण में आने वाले साधक के जीवन की सभी दुश्वारियां दूर हो जाती हैं। श्रद्धालु भक्तों को शिव महिमा से अवगत कराते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि मात्र जलाभिषेक से ही प्रसन्न होने वाले महादेव शिव की महिमा अपरम्पार है। सभी को समान दृष्टि से देखने वाले शिव में ही समस्त संसार समाहित है। भगवान शिव को बिल्वपत्र, पुष्प, चन्दन का स्नान प्रिय है। दूध, दही, घी, गंगाजल, शहद आदि पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक कर श्रद्धापूर्वक उनका ध्यान और प्रार्थना करें। सच्चे मन से की गयी प्रार्थना भोलेनाथ अवश्य स्वीकार करते हैं और श्रद्धालु भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इस दौरान स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, स्वामी लाल बाबा, आचार्य पवन दत्त मिश्रा, आचार्य प्रमोद पांडे, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, चेतन शर्मा, राजू शुक्ला, अनुराग वाजपेयी, राधेश्याम शर्मा आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment