हरिद्वार। सावन के अंतिम सोमवार को लोक कल्याण के लिए कांगड़ी स्थित बाबा वीरभद्र सेवाश्रम न्यास आश्रम के परमाध्यक्ष जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरि महाराज ने भगवान भोलेनाथ का दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक कर विशेष पूजा-अर्चना की। इस मौके पर स्वामी गर्व गिरि ने कहा कि सावन के अंतिम सोमवार को लोक कल्याण व अखण्ड भारत की कामना को पूर्ण करने के लिए भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना की। भगवान भोलेनाथ बड़े दयालु और कृपालु है अपने भक्तों के समर्पण भाव से की गई आराधना से प्रसन्न होकर जीवन का कल्याण करते हैं। उन्होंने कहा कि लोक कल्याण के लिए आश्रम में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना आराधना अनवरत् रूप से जारी रहती है। स्वामी गर्व गिरि ने श्रद्धालु भक्तों से कहा कि देवों के देव महादेव भगवान भोलेनाथ तीर्थनगरी हरिद्वार से विशेष संबंध है। भगवान भोलेनाथ सावन के महीने में तीर्थ नगरी हरिद्वार के नीलेश्वर महादेव,दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल,बिलेश्वर महादेव, गौरी शंकर महादेव मंदिरों में वास करने के साथ-साथ तीर्थनगरी हरिद्वार के प्रत्येक क्षेत्र में वास करते हैं आज सावन का अंतिम सोमवार है। सावन का महीना कुछ दिनों बाद पूर्ण होगा और भगवान भोलेनाथ अपनी कृपा दृष्टि तीर्थ नगरी पर बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि हरिद्वार के कण-कण में भगवान भोलेनाथ का वास है। सावन मास में भगवान शिव साक्षात रूप से तीर्थनगरी में विराजमान रहकर भक्तों का कल्याण करते हैं। सभी श्रद्धालु भक्तों को भक्ति भाव व विधि विधान के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना आराधना करनी चाहिए। इस अवसर पर महंत लव गिरि,नैतिक गिरि,मोनू पूरी,सोनिया पुरी,पंडित अशोक नवानी ने भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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