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जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया आचार्य बालकृष्ण का जन्मोत्सव

 महर्षि चरक, सुश्रुत और धनवंतरि जैसे महान् ऋषियों के रूवरूप हैं आचार्य बालकृष्ण- स्वामी रामदेव महाराज


हरिद्वार। वनौषधि पण्डित उपाधि से सम्मानित आचार्य बालकृष्ण का जन्मोत्सव ‘जड़ी-बूटी दिवस समारोह’ के रूप में पतंजलि योगपीठ-2,पतंजलि वैलनेस केन्द्र स्थित योगभवन में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ यज्ञ व वैदिक मंत्रेच्चार के साथ हुआ। कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण द्वारा रचित ग्रन्थों व पुस्तकों तथा नवीन अनुसंधित औषधियों को लोकार्पित किया गया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज ने अमेरिका प्रवास से फोन के माध्यम से आचार्य बालकृष्ण को जन्मदिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की। शुभकामनाएं देते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि हम सेवाधर्म और सखाधर्म दोनों एक-साथ निभा रहे हैं। महर्षि चरक,सुश्रुत और धनवंतरि जैसे महान् ऋषियों के घनिभूत रूप आचार्य बालकृष्ण बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्होंने आयुर्वेद, शिक्षा, अनुसंधान,लेखन,समाजसेवा,कृषि और सूचना एवं प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में अभुतपूर्व कार्य किया है। उनका जीवन तप,त्याग,पुरूषार्थ, परमार्थ व परोपकार से पूर्ण है तथा हम सबके लिए प्रेरणादायक है। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उनकी भावना है कि आज का यह दिन सबके लिए कल्याणकारी हो। आचार्य बालकृष्ण ने नवीन गुणवत्तायुक्त कल्याणकारी औषधियाँ रीनोग्रिट, टी.बी. व यूटीआई के लिए नवीन औषधियाँ,नैजल स्प्रे,बच्चों के लिए लिवोग्रिट व इम्युनोग्रिट सिरप,च्यवनप्राश जैली के साथ ही पशुओं के लिए नवीन उत्पाद लोकार्पित किए। आचार्य बालकृष्ण ने उनके द्वारा रचित ‘वर्ल्ड हर्बल इन्साइक्लोपीडिया’के 111वें वॉल्यूम का विमोचन भी किया। साथ ही ‘फ्रलोरा ऑफ राष्ट्रपति भवन’,‘मेडिसिनल प्लांट्स ऑफ राष्ट्रपति भवन’,‘फ्लोरा ऑफ सिजूसा-अरुणाचल प्रदेश’,‘मन के मनके भाग-2’ तथा‘विश्व वानस्पतिक कोष भाग-6’का भी विमोचन किया गया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि ‘फ्लोरा ऑफ राष्ट्रपति भवन’ में राष्ट्रपति भवन परिसर स्थित 620 पौधों का हर्बेरियम सहित सचित्र वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त ‘मेडिसिनल प्लांट्स ऑफ राष्ट्रपति भवन’ में राष्ट्रपति भवन स्थित 401औषधीय पादपों का वर्णन है।‘साक्ष्य आधारित आयुर्वेद’ पुस्तक का विमोचन करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज आयुर्वेद के नाम पर ढ़कोसला,पाखण्ड,छलावा व दिखावा चल रहा है। कोई आयुर्वेद के नाम पर एलोपैथी की गोली पीसकर दे रहा है तो कोई हैवी मेटल्स खिला रहा है। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने ऋषियों के ज्ञान-विज्ञान को पूरे विश्व में प्रचारित-प्रसारित करने का कार्य किया है। साथ ही ‘सूक्ष्म जीव विज्ञान’ तथा ‘सांख्यीकीय विधियाँ एक गाइड’ पुस्तकों का भी विमोचन किया। सायंकालीन सत्र में संस्था की विभिन्न शिक्षण इकाइयों के छात्र-छात्राओं तथा विशेष आमंत्रित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।पतंजलि ग्रामोद्योग के महामंत्री यशदेव शास्त्री ने कहा कि जन्मदिवस तो मात्र एक बहाना है,यह तो जड़ी-बूटी दिवस के मूल प्रेरणास्रोत आचार्य बालकृष्ण का प्रकृति के प्रति प्रेम है। उन्होंने कहा कि पतंजलि की यह यात्रा शून्य से चलकर उन्नति के शिखर पर पहुँच गई है। इसमें आचार्य बालकृष्ण की अहम भूमिका है। पतंजलि अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा.अनुराग वार्ष्णेय के नेतृत्व में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर, निःशुल्क नेत्र जाँच व दंत चिकित्सा जाँच शिविर का आयोजन किया गया। रक्तदान शिविर में आचार्य बालकृष्ण ने स्वयं रक्तदान किया। जिनसे प्रेरित होकर कुल 562लोगों ने रक्तदान किया। साथ ही प्रदीप नैन के सहयोग से संचालित निःशुल्क नेत्र शिविर में कुल 415लोगों ने नेत्र जाँच कराई। नेत्र रोगियों को निःशुल्क चश्मों का भी वितरण किया गया। डा.कुलदीप के सहयोग से संचालित दंत चिकित्सा जाँच शिविर में कुल 545लोगों ने दंत रोगों की जाँच कराई। पतंजलि के द्वारा लाखों औषधीय पौधों जैसे-तुलसी ,गिलोय, अश्वगंधा,एलोवेरा,नीम,पीपल आदि का निःशुल्क वितरण किया गया। कार्यक्रम में पतंजलि फूड्स लि.के एम.डी.रामभरत,भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एन.पी.सिंह,पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो.महावीर अग्रवाल,कुलानुशासिका साध्वी आचार्या देवप्रिया, आचार्यकुलम् की उपाध्यक्षा ऋतम्भरा शास्त्री,क्रय समिति अध्यक्षा अंशुल, संप्रेषण विभाग प्रमुख पारूल, भारत स्वाभिमान के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी राकेश ‘भारत’ तथा स्वामी परमार्थदेव ,पतंजलि योगपीठ के मुख्य महाप्रबंधक टी.सी.मल्होत्रा, बाबू पद्मसेन आर्य,माता प्रेमलता,वि.वि. के कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव,मानव संसाधन विभाग प्रमुख तरूण राजपूत सहित पतंजलि परिवार के समस्त अधिकारी,कर्मचारी,समस्त शिक्षण संस्थानों के आचार्य व छात्र-छात्राओं ने आचार्य बालकृष्ण को जन्मदिवस की शुभकामनाएँ प्रेषित कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। 


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