हरिद्वार। व्यापारी समाजसेवी सचिन पाराशर के पिता वेदव्यास पाराशर के निधन पर संतों, सामाजिक संगठनों व व्यापारियों ने शोक संवेदना व्यक्त की। वेदव्यास पाराशर के लंबी बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया था। रविवार को कनखल शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र सचिन पाराशर ने उन्हें मुखाग्नि दी। शोक संवेदना व्यक्त करते हुए श्री वैष्णव मंडल के अध्यक्ष महंत नारायण दास पटवारी एवं स्वामी नागेंद्र ब्रह्मचारी ने कहा कि दिवंगत वेदव्यास पाराशर मुदुभाषी, मिलनसार व समाजसेवी व्यक्ति थे। उनका निधन समाज के लिए बड़ी क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज,स्वामी आदियोगी एवं स्वामी बिपनानंद महाराज ने कहा कि समाजसेवा के क्षेत्र में वेदव्यास पाराशर हमेशा ही बढ़चढ़ कर अपना योगदान देते थे। गरीब, असहाय निर्धन व्यक्तियों की मदद करना उनका मुख्य उद्देश्य था। मां गंगा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। संवेदना व्यक्त करने वालों में महंत सूरज दास,स्वामी नागेंद्र ब्रह्मचारी,महंत नारायण दास पटवारी,महंत रघुवीर दास,महंत गोविंद दास,महंत राघवेंद्र दास,स्वामी बिपनानंद,महंत बिहारी शरण, अमित वालिया, अरूण ओहरी, आकाश ओहरी,शिखर पालीवाल, सुशांत पाल, भोला शर्मा, गोपाल शर्मा, उत्तम कुमार आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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