हरिद्वार। श्री वशिष्ठ दूधाधारी सप्तऋषि आश्रम ब्रह्मपुरी में उज्जैन से पधारे महंत श्री कृपा सिंधु दास जी ने भंडारे का आयोजन कराया। इस अवसर पर उद्गार व्यक्त करते हुए आश्रम के श्री महंत जयरामदास जी ने कहा जिस पर कृपा राम की हो वह पत्थर भी तर जाते हैं। अतः कहने का तात्पर्य यह है कि भगवान राम का भजन और तपस्वी साधु संतों की संगत बड़े ही भाग्य से मिलती है। वह लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें साधु संतों का सानिध्य और आशीर्वाद प्राप्त होता है जिन्हें सेवा करने का अवसर पर प्राप्त होता है। इस अवसर पर बोलते हुए सुदर्शन आश्रम अखाड़ा के श्री महंत रघुवीर दास जी ने कहा वह लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें संतों की सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है इस धरती पर संत ही ईश्वर के प्रतिनिधि हैं गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है गुरु ही भक्तों को उंगली पड़कर भवसागर पार करते हैं इस अवसर पर महंत विष्णु दास महाराज, महंत कृपा सिंधु दास, महंत शंभू दास महाराज श्री कृष्ण मुरारी अग्रवाल धर्मदास महाराज महाराज रामदास महाराज महंत बिहारी शरण,महंत सूरज दास,महंत गंगादास पटवारी सहित भारी संख्या में संत महंत उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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