हरिद्वार। श्रीबालाजी धाम सिद्धबली हनुमान मंदिर के पुजारी बाबा मनकामेश्वर गिरी महाराज ने कहा कि गणपति महोत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है। लोग बढ़ चढ़कर पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। मंदिर में उत्सव का माहौल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि स्वामी आलोक गिरी जी महाराज के नेतृत्व में आयोजित गणपति महोत्सव में लोग आस्था और विश्वास के साथ भगवान गणेश पूजन में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा विगत कुछ वर्षों में स्वामी आलोक गिरी जी महाराज ने जगजीतपुर क्षेत्र के लोगों में भक्ति की अलग जगह दी है। श्री बालाजी धाम, सिद्धबलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, निकट फूटबॉल ग्राउंड, जगजीतपुर में पूरे श्रद्धा एवं उल्लास के साथ धूमधाम से गणपति महोत्सव मनाया जा रहा है। मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा का यजमानों के द्वारा प्रतिदिन पूर्ण विधि-विधान से पूजन संपन्न कराया जा रहा है। इस कड़ी में सोमवार को मुख्य यजमान के रूप संजय चौहान-उमा चौहान,कृष्ण-उमा,अभिनय त्यागी,प्रिस त्यागी,हेमंत पाल- रेणु पाल-आयुक्त पाल ने के द्वारा पूजन कराया गया। इसके पूर्व रविवार को राजेश सेमवाल-ऊषा सेमवाल,कालिका प्रसाद,कोठारी-रेखा कोठारी,अतुल कुमार सहित अन्य यजमानों ने पूजन संपन्न कराया। इस मौके पर पुजारी बाबा मनकामेश्वर गिरी महाराज ने कहा कि सोमवार को पूजन कार्य पं सोहन चंद्र डोंढरियाल ने पूजन कार्य संपन्न कराया। वहीं रविवार को पं हरीश चंद्र मैन्दोलिया ने विधि विधान से पूजन कराया। मनकामेश्वर गिरी महाराज ने कहा कि गणपति महोत्सव में प्रतिदिन अलग अलग यजमानों के द्वारा पूजन कार्य संपन्न कराया जा रहा है। गणेश चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक यह कार्यक्रम अनावरत चलता रहेगा। अनंत चतुर्दशी के दिन विधि विधान से पूजन संपन्न कराने के उपरांत मंदिर में स्थापित प्रतिमा को गंगा में विसर्जित किया जायेगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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