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भगवान श्रीचंद्र ने समाज का मार्गदर्शन कर कल्याण का मार्ग दिखाया-स्वामी रामदेव

 भगवान श्रीचंद जयंती के उपलक्ष्य में निकाली भव्य शोभायात्रा

संत समाज के प्रेरणास्रोत हैं भगवान श्रीचंद्र-श्रीमहंत रविंद्रपुरी


हरिद्वार। जद्गगुरू भगवान श्रीचंद की 529वीं जयंती के उपलक्ष्य में श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन एवं श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के संयोजन में चन्द्राचार्य चौक से भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। योगगुरू बाबा रामदेव, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत राघवेंद्र दास,महंत जयेंद्र मुनि,महंत गोविंददास,श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के मुखिया महंत भगतराम महाराज, महंत धुनीदास, महंत मंगलदास, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महंत रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी कपिल मुनि महाराज, पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी,निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी,महंत जसविंदर सिंह,महंत खेमसिंह,स्वामी आदियोगी,पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने पूजा अर्चना कर व नारियल फोड़कर शोभायात्रा का शुभारंभ किया। बैण्ड बाजों व आकर्षक झांकियों से सुसज्जित शोभायात्रा देवुपुरा चौक, शिवमूर्ति, चित्रा टाकीज, निरंजनी अखाड़ा, तुलसी चौक, डामकोठी, शंकराचार्य चौक, बंगाली मोड़ होते हुए राजघाट स्थित श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में संपन्न हुई। नगर भ्रमण के दौरान श्रद्धालु भक्तों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। महंत मुरलीदास, महंत प्रेमदास, महंत विष्णुदास, महंत गोविंददास, महंत नारायण दास, मंहंत मंगलदास, महंत तीरथदास, महंत बंसतदास ने सभी संत महापुरूषों व अतिथीयों पर फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। इस अवसर पर योग गुरू स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि जन-जन के आराध्य भगवान श्रीचंद्र महाराज ने समाज का मार्गदर्शन किया और कल्याण का मार्ग दिखाया। भगवान श्री चंद्र ने धूणे के रूप में वैदिक यज्ञोपासना को नया रूप दिया और निवृत्ति प्रधान धर्म की प्रतिष्ठा की। भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए शैव, वैष्णव, शाक्त, सौर तथा गणपत्य मतावलंबियों को संगठिन कर पंचदेवोपासना की प्रतिष्ठा की। उन्होंने कहा कि श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन एवं श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ समाज कल्याण में भी अहम योगदान कर रहे हैं। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने भी सभी देशवासियों और संत महापुरूषों को जगद्गुरू भगवान श्रीचंद्र की 529वीं जयंती की शुभकामनाएं दी। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि उदासीनाचार्य भगवान श्रीचंद्र समस्त संत समाज के प्रेरणास्रोत हैं। साक्षात शिव स्वरूप भगवान श्रीचंद्र ने पूरे देश का भ्रमण कर समाज में व्याप्त अज्ञानता और कुरीतियों को दूर किया। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र कल्याण में योगदान करना चाहिए। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि भगवान श्रीचंद्र ने विभिन्न मत संप्रदायों में बंटे समाज को एकजुट करन व वैचारिक मतभेदों को समाप्त कर समन्वय का सूत्र प्रदान किया। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासवीन के कोठारी महंत राघवेंद्र दास एवं श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के मुखिया महंत भगतराम महाराज ने कहा कि ज्ञान भक्ति के श्रेष्ठ सिद्धांत प्रतिपादित करने वाले भगवान श्रीचंद की शिक्षाएं युगों-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। इस अवसर पर वैष्णों मंडल के अध्यक्ष महंत नारायण दास पटवारी, महंत शिवशंकर गिरी, स्वामी विवेकानंद, बाबा हठयोगी, स्वामी आदियोगी, महंत रघुवीर दास, महंत गोविंददास, महंत सत्यम गिरी, महंत गंगादास, महंत सूरजदास, महंत कैवल्यानंद, महंत निरंजन दास, महंत शिवानंद, महंत दामोदर शरण दास, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, महंत दुर्गादास, स्वामी दिनेश दास, डा.विशाल गर्ग, डा.जितेंद्र सिंह, जगदीश लाल पाहवा, विक्रम सिंह नाचीज, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, आप नेता नरेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन शामिल रहे। 


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