हरिद्वार। श्री स्वतंत्रपुरी धाम आश्रम भूपतवाला में पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी बिलकेश्वर पुरी जी महाराज की पुण्यतिथि धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री महंत केदार पुरी जी महाराज ने की। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री महंत केदारपुर जी ने कहा गुरु ज्ञान का विशाल सागर होते हैं भक्तजन गुरु के ज्ञान की गंगा में गोते लगाकर अपने जीवन को धन्य तथा कृतार्थ कर लेते हैं। स्वामी बिलेकेश्वर पुरी जी महाराज ज्ञान और त्याग की एक साक्षात मूर्ति थे, ज्ञान का एक विशाल सूर्य थे ऐसी महान विभूति को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर हम अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए शत-शत नमन करते है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधनंद महाराज, महामंडलेश्वर अनंतानंद महाराज, ,महेंद्र महेश्वरी महाराज, महंत शैलेंद्र गिरी,श्री महंत विनोद गिरि, श्री महंत शिवानंद पुरी, महंत माता अन्नपूर्णा पुरी, महंत जगजीत सिंह, महंत जमुना दास, महंत तीरथ सिंह, माता विजय गिरी,आराधना गिरी, संज्ञा संगम गिरी,थानापति तूफान गिरी, मनोजानंद, धीरेंद्र रावत, प्रवीण कश्यप सहित भारी संख्या में संत महंत उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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