हरिद्वार। स्वयंभू सतेश्वर विश्वनाथ मंदिर हरिपुर में वार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया। इस अधिवेशन में भारी संख्या में संतों व भक्तजनों ने भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए महंत स्वामी शेषनारायण महाराज ने कहा भगवान भोलेनाथ की महिमा बड़ी ही अपरंपार है जो भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ भगवान भोलेनाथ माता पार्वती भगवान श्रीगणेश की आराधना करता है उसे मन वांछित फलों की प्राप्ति होती है। भगवान शिव ही आदि हैं और शिव ही अनादि है। भगवान शिव देवों के देव है नाथों के नाथ़ है और इस सृष्टि की उत्पत्ति भगवान शिव से ही हुई है। एक दिन उन्हीं में इसे समा जाना है। श्री स्वयंभू सतेश्वर विश्वनाथ मंदिर मे जो भगवान शिवलिंग के रूम में विद्यमान है वह इसी स्थान पर स्वयं धरती से प्रकट हुए था उन्हें यही स्थापित कर दिया गया। जो भक्त सच्चे मन से यहां आते हैं भगवान शिव उनकी सभी मुरादे पूर्ण करते हैं। हर वर्ष वार्षिक अधिवेशन आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर मुख्य भक्त राकेश चंद,श्रीमती अंजू देवी,कैलाश सुंदरियाल,अशोक सुंदरियाल,प्रधान श्रीमती गीतांजलि जखमोला सहित भारी संख्या में ग्रामवासी तथा भक्तजन भंडारे में उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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