हरिद्वार। अखिल भारतीय महात्मा विदुर बिजनौर महासभा ट्रस्ट रजिस्टर्ड की एक बैठक शारदा नगर स्थित कार्यालय पर डॉ मधुसूदन आर्य की अध्यक्षता एवं सुनील कुमार संचालन में हुई। बैठक में महेंद्र सिंह एडवोकेट कुशल अध्यक्ष उपस्थित रहे। मधुसूदन आर्य ने बताया की संस्था द्वारा गरीब बच्चों को मुफ्त कंप्यूटर शिक्षा दी जायेगी तथा हरिद्वार में नशा मुक्ति कार्यक्रम, महिला पुरुषों बच्चों से संबंधित स्वच्छता जागरूकता के स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। विदित हो कि हरिद्वार में लगभग 3लाख लोग मूलतः बिजनौर जनपद के रहने वाले है उनकी समस्याओं के समाधान हेतु संगठन द्वारा प्रयास किये जायेंगे। बैठक में अशोक कुमार गिरी को उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया तथा विभिन्न राज्यों में सदस्य बनाए गए छत्तीसगढ़ से नवीन कुमार गुप्ता को वहां का संयोजक बनाया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुधीर कुमार त्यागी एडवोकेट को संगठन का विधि अधिकारी मनोनीत किया गया है तथा भारत भूषण को संरक्षक बनाया गया। उन्होंने कहा कि जल्द ही संगठन का प्रतिनिधि मंडल नगर विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से मिलकर हरिद्वार में महात्मा विदुर घाट का निर्माण कराये जाने की मांग करेंगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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