हरिद्वार। स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म में दान की महिमा अपरंपार है। संत कबीरदास ने दान की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा किदान देत धन न घटे, घटे न नदियां तीर। सबके दाता राम है, कह गये संत कबीर।।इससे साफ प्रतीत होता है कि दान करने से ही मनुष्य के सभी कार्य एवं मनोरथ सिद्ध होते हैं। कलयुग में दान का विशेष महत्व है। दानी व्यक्ति को ही ईश्वरीय वरदान प्राप्त होता है। शास्त्रों में भी दानी की महिमा का बखान किया गया है। सारा संसार दानी की महिमा का यशोगान करता है। ऐसे में सभी व्यक्तियों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करते रहना चाहिए। धार्मिक आयोजनों में दान करने वाले मनुष्य को लोक-परलोक में ख्याति प्राप्त होती है। गौरतलब है कि श्रीबालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर,निकट फूटबॉल ग्राउंड,जगजीतपुर,कनखल हरिद्वार में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के सफल आयोजन के उपरांत भगवान श्रीकृष्ण का छठी महोत्सव भी धूमधाम से मनाने की तैयारी चल रही है। गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी आगामी 12 सितंबर दिन-मंगलवार को विशाल भंडारे के साथ भगवान श्रीकृष्ण का छठी महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर के प्रबंधक एवं श्री तपोनिधि पंचायती अखाड़ा निरंजनी के संत स्वामी आलोक गिरी जी महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित छठी महोत्सव में समस्त नगर वासियों को आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्वामी आलोक गिरी ,पुजारी बाबा मनकामेश्वर गिरी,प्रद्युम्न सिंह,प्रदीप गुर्जर,विकास मास्टर,कामेश्वर सिंह यादव, कालिका प्रसाद कोठारी,हरीश चौधरी,पंसोहन चंद्र डोंढरियाल,संजय गुर्जर,अंकुर बिष्ट, इंद्रजीत शाह सहित बड़ी संख्या में भक्तजन जुटे हुए हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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