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अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और महामंत्री ने की प्रयागराज महाकुंभ की तैयारियों पर चर्चा

 महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है-श्रीमहंत रविंद्रपुरी


हरिद्वार। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज एवं अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने 2025 में प्रयागराज में आयोजित किए जाने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों पर संतों से चर्चा की और यूपी सरकार से मेले के दौरान सभी अखाड़ों, संत समाज और श्रद्धालुओं को पर्याप्त सुविधाएं उपल्बध कराने की मांग की है। बैरागी कैंप स्थित श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े में चर्चा के दौरान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सनातन धर्म संस्कृति से जुड़े सभी आयोजन भव्यतापूर्वक संपन्न हो रहे हैं। महाकुंभ में आने वाले सभी तेरह अखाड़ों को सुख सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। महाकुंभ में गंगा स्नान व संत दर्शन के लिए करोड़ों श्रद्धालु देश दुनिया से आते हैं। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेले में देश दुनिया को सनातन धर्म संस्कृति का अद्भूत संगम देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के आयोजन में डेढ़ वर्ष का समय शेष बचा है। यूपी सरकार को महाकुंभ के आयोजन की तैयारियां प्रारंभ कर देनी चाहिए। जिससे समय पर सभी तैयारियां पूरी हो सकें और संतों व श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि प्रयागराज में गंगा के तट पर होने वाले महाकुंभ में धर्म संस्कृति की अदभूत छठा विश्व पटल पर प्रस्तुत करेगा। प्रयागराज के गंगा तट पर होने वाले विशाल संत संगम से निकलने वाले आध्यात्मिक संदेशों से पूरे विश्व को मार्गदर्शन प्राप्त होगा। कुंभ की तैयारियों को लेकर अखाड़ा परिषद के संतों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिस प्रकार सनातन धर्म पर आघात किया जा रहा है। वह चिंताजनक है। संत समाज को एकजुट होकर सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आना होगा। इस दौरान अखाड़ा परिषद के कोषाध्यक्ष महंत जसविन्दर सिंह, प्रवक्ता श्रीमहंत गौरीशंकर दास, श्रीमहंत धर्मदास,महंत रघुवीर दास,श्रीमहंत महंत दलीप दास,महंत गोविंददास, महंत सूरज दास, महंत नारायण दास पटवारी सहित कई संत उपस्थित रहे। 


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