हरिद्वार। हरिद्वार के तमाम क्षेत्रों में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। रेलवे स्टेशन भी इससे अछूता नही है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर बंदरों की बढ़ती संख्या यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है। प्लेटफार्म पर उत्पात मचाने के साथ बंदर यात्रियों का सामान भी उठा लेते हैं। खाने का सामान लेकर भाग जाते हैं। कई बार तो बंदर यात्रियों को घायल भी कर देते हैं। स्टेशन पर हर और मौजूद बंदरों को देखकर यात्री खासतौर पर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग डरे सहमे रहते हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर देश दुनिया से यात्रियों का आगमन होता है। लेकिन स्टेशन के हर कोने पर पर बैठे बंदरों को देखकर यात्री भयभीत हो जाते हैं। डीएफओ नीरज कुमार ने बताया कि बंदरों से संबंधित शिकायत पर वन विभाग की बन्दर पकड़ने वाली टीमे तुरंत एक्शन लेती है। बंदरों को पकड़ कर चिड़ियापुर के वन्यकरण केन्द्र में ले जाकर बंदरों को छोड़ दिया जाता है। शहरी क्षेत्र से भी बंदरों को पकड़ने की मुहिम लगातार चलाई जा रही है। समाजसेवी डा.विशाल गर्ग ने कहा कि रेलवे स्टेशन के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी बंदरों के आतंक से लोग डरे सहमे हैं। वन विभाग को इस संबंध में ठोस उपाय करने चाहिए। यात्रीयों की सुरक्षा जरूरी है। इसलिए रेलवे स्टेशन से बंदरों को पकड़ने के लिए बड़े स्तर पर मुहिम चलाए जाने की जरूरत है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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